लघु उद्योग (Laghu Udyog) - शुरू से मुनाफे तक

यह पेज आपके लिए ही है। यहाँ आपको कई तरह के लघु उद्योगों के बारे में जानने को मिलेगा। इसके आलावा आपको, लघु उद्योग शुरू करने से लेकर, कैसे सफल उद्योगपति बनें। इसके बारे में भी पूरी जानकारी मिलेगी। 

लघु उद्योग (Laghu Udyog) क्या है?

भारत की सरकार ने देश के उद्योग को ३ खंड में बाँट रखा है। यह वर्गीकरण “कारखाने एवं मशीनरी/उपकरण में निवेश (investment in plant & machinery/equipment) और वार्षिक कारोबार (Annual Turnover) के आधार पर किया गया है जो की इस प्रकार है।

  1. Micro Enterprise (सूक्ष्म उद्योग)
  2. Small Enterprise (लघु उद्योग) 
  3. Medium Enterprise (मध्यम उद्योग)

यह तीनों को Ministry of Micro, Small and Medium Enterprise से संचालित किया जाता है। संक्षिप्त रूप (short-form) में इसे ही हम MSME बुलाते है। वैसे तो हमारा मुख्य उद्देश्य लघु उद्योग के बारे में जानना और खुद का लघु उद्योग कैसे शुरू करें और अच्छा मुनाफा बनाये, उसकी पूरी जानकारी देना है। लेकिन साथ ही साथ हम आपको कुछ micro और medium उद्योग के बारे में भी बताएंगे।

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micro, small and medium enterprise category classfication

Laghu उद्योग list

लघु उद्योग करने के बहुत से विकल्प है। वास्तव में तो ऐसे हज़ारो काम किये जा सकते हैं जो आप एक लघु उद्योग की तरह कर सकते है। पर आपका काम आसान करने के लिए हम आपको यहाँ लघु उद्योग की लिस्ट (list) देंगे। इस लघु उद्योग list में से आप अपने लिए सबसे सुविधा और रुचि वाला लघु उद्योग चुन कर उसमे अपना हाथ आजमा सकते है।

लघु उद्योगपूरी जानकारी
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Laghu उद्योग कैसे शुरू करें

लघु उद्योग को शुरू करना कोई मुश्किल काम नहीं है। आपको बस सप्लाई और डिमांड को देखते हुए ऐसे प्रोडक्ट खोजने हैं जिनकी मार्किट में डिमांड भी अच्छी खासी है और जिसे बनाने में भी आपको ज्यादा निवेश न लगे। जब आपने मार्किट में रिसर्च करने के बाद यह तय कर लिया कि आपको क्या प्रोडक्ट बनांयेंगे तो उसके बाद बारी आती है उस प्रोडक्ट को बनाने के लिए कच्चा माल कहाँ से मिलेगा। इसके लिए आपको ऐसे सप्लायर ढूंढने होंगे जो अच्छी कीमत पर आपको अच्छी क्वालिटी का कच्चा माल उपलब्ध करा सकें।

इसके बाद आपको जुर्रत है मशीन की। आपके द्वारा तय किये आगये प्रोडक्ट को बनाने के लिए मशीन लगेगी। अब बारी आती है जगह की, जहाँ आप अपना लघु उद्योग सेटअप करेंगे। लेकिन इन सबसे भी पहले जिस चीज़ की आपको जरुरत है, वो है पूँजी। बिना पूँजी के आप लघु उद्योग नहीं शुरू कर सकते।

Laghu Udyog Mindset

बिज़नेस शुरू करने से पहले जरुरी है कि आप पहले अपने माइंडसेट को क्लियर करें।

क्योंकिं बिज़नेस में बहुत सारे उतार चढ़ाव आते रहते हैं। कई तरह की मुश्किलें भी आएंगे। ऐसे में अगर आपका ग्रोथ माइंडसेट नहीं होगा। तो ये सभी उतार चढ़ाव और मुश्किलें आपको डिमोटिवेट कर सकती हैं इसके अलावा आपके दिमाग पर गहरा आसार डाल सकती हैं।

ऐसे में ये जरुरी है कि आपकी सोच बड़ी होनी चाहिए। आपका माइंडसेट ग्रोथ माइंडसेट होना चाहिए। ताकि आप बिज़नेस में आने वाली हर परिस्थिति का डट कर सामना कर सकें। और बड़ी सोच होने से आप फिर से अपने आपको मजबूत करते हुए फिर से बेहतर प्रयास कर सकें।

लघु उद्योग शुरू करने के लिए सही मार्किट क्यों जरुरी है?

कोई भी बिज़नेस हो वह डिमांड और सप्लाई के सिद्धांत पर ही काम करता है। इसका मतलब है कि अगर मार्किट में किसी प्रोडक्ट की डिमांड है तो उसकी सप्लाई भी होती है। लघु उद्योग शुरू करने के लिए आपको सही मार्किट इस लिए जरुरी है। क्योंकि अगर आपके द्वारा बनाये प्रोडक्ट की मार्किट में डिमांड ही नहीं है, तो आप चाहे जितनी सप्लाई करें आपके प्रोडक्ट मार्किट में नहीं बिकेंगे।

हालाँकि पूरी तरह से यह  सच नहीं है, इस तरह की कंडीशन में आपको खुद मार्किट में डिमांड पैदा करनी होती है। लेकिन जब अब लघु उद्योग शुरू करने जा रहे रहीं तो ये जरुरी है कि आप ऐसे प्रोडक्ट ही बनाएं जिनकी मार्किट में डिमांड तो है लेकिन उसके सप्लायर या तो कम हैं या फिर हैं ही नहीं। 

ऐसे में आप बहुत ही जल्द मार्किट में अपनी जगह बनालेंगे और प्रोडक्ट को कंस्यूमर तक पहुंचा सकेंगे। इससे आपका प्रॉफिट भी धीरे धीरे बढ़ने लगेगा। 

लघु उद्योग शुरू करने के लिए पूँजी का क्या महत्व है?

कोई भी बिज़नेस हो उसे शुरू करने के लिए जो सबसे जरुरी चीज़ आपके पास होनी चाहिए वो है पूँजी। आप बिना पूँजी के किसी भी बिज़नेस को शुरू नहीं कर सकते। आपको पास बिज़नेस में निवेश करने के लिए पूँजी तो होनी ही चाहिए। 

अगर आपके पास बिज़नेस को शुरू करने के लिए पूँजी नहीं या कम पड़ रही तो आप सरकार द्वारा या अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा लोन लेकर लघु उद्योग शुरू कर सकते हैं। क्योंकि आपको कच्चे माल, मशीन, पैकेजिंग मटेरियल, जगह के किराए आदि को भरने के लिए पूँजी की जरुरत पड़ेगी।

लघु उद्योग के लिए कौन कौन से लोन ले सकते हैं?

सरकार द्वारा लघु उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की स्कीम चलाई जाती हैं। जिनकी मदद से आप अपने बिज़नेस में निवेश करने के लिए कम ब्याज पर बिना गारंटर के लोन ले सकते हैं। इसी तरह की एक योजाना PM Mudra Yojana है। 

इस योजना के तहत बिज़नेस को टीम श्रेणियों में बांटा गया, शिशु, किशोर और तरुण। आप इस योजना के तहत 50 हजार से लेकर 10 लाख तक का लोन ले सकते हैं।

लघु उद्योग शुरू करने के लिए सप्लायर कैसे ढूंढें?

जब आपने यह तय कर लिया कि आप क्या बिज़नेस शुरू करेंगे। या किस प्रोडक्ट की मैन्युफैक्चरिंग करेंगे तो अब बारी आती है, सप्लायर ढूंढने की। जो आपको उस प्रोडक्ट को बनाने के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराएँगे। आज के समय में आप आसानी से अपने प्रोडक्ट के लिए कच्चे माल के लिए सप्लायर ढूंढ सकते हैं।  

सप्लायर ढूंढने के लिए indiamart.com, tradeindia.com आदि वेबसाइट की मदद ले सकते हैं। इसके अलावा आप यूट्यूब के माध्यम से भी सप्लायर ढूंढ सकते हैं। आपको दिल्ली में भी कई तरह के सप्लायर मिल जाएंगे जो आपको अच्छी कीमत और क्वालिटी में कच्चा माल उपलब्ध करवा देंगे।

लघु उद्योग के लिए सही जगह का चुनाव करें?

लघु उद्योग को सही जगह पर शुरू करना बहुत जरुरी है। ऐसे इसलिए ताकि आप आसानी से सप्लायर से कच्चा माल ले सकें। इसके आलावा आपके द्वारा बनाया गया प्रोडक्ट भी मार्किट में आसानी से और कम खर्च में पहुँच सके। 

अगर आप ऐसे जगह अपना बिज़नेस शुरू कर लेते हैं जहाँ से मार्किट बहुत दूर है, सप्लायर बहुत दूर है तो आपको अपने तैयार माल को मार्किट में पहुंचाने में ही  ट्रांसपोर्ट का काफी खर्चा आजायेगा। इसके आलावा यदि आपके पास कच्चा माल कम पड़ जाए और सप्लायर के बहुत दूर होने की वजह से कच्चा माल समय से न पहुँच पाए तो आपको बहुत नुक्सान हो सकता है।

इसलिए यह जरुरी है कि आप ऐसे जगह अपना बिज़नेस सेटअप करें जहाँ से आसानी से अपने प्रोडक्ट मार्किट में पहुंचा सकें और सप्लायर से कच्चा माल भी समय पर उपलध हो जाए। 

इसके लिए या तो आप जगह खरीद सकते हैं या फिर किसी खाली जगह या एक बिल्डिंग को किराए पर लेकर लघु उद्योग शुरू कर सकते हैं। 

लघु उद्योग शुरू करने के लिए मशीनें कहाँ खरीदें?

आपने जो प्रोडक्ट तय किया है। उसे बनाने के लिए जरुरत होगी मशीन की। जो उस प्रोडक्ट को कम समय और बेहतरीन क्वालिटी में बनाने में आपकी मदद करेगी। यहाँ ध्यान देने वाली बात ये है कि मार्किट में कई तरह की मशीनें उपलब्ध हैं हर रेट पर मशीन उपलब्ध हैं। ऐसे में शुरू में आप ऐसे मशीन ले जिसमें खर्चा कम लगे और कम समय में अच्छी क्वालिटी का  प्रोडक्ट भी बनकर तैयार हो जाए। 

अपने लघु उद्योग के लिए आपको पहले मशीन के सप्लायर ढूंढने होंगे। जहाँ से आपको मशीन मिलेगी। मशीन के सप्लायर या मैन्युफैक्चरर को आप आसानी से Indiamart.com, tradeindia.com आदि वेबसाइट से ढूंढ सकते हैं। यहाँ से मशीन के बारे में जानकार लेने के साथ सप्लायर से भी बात कर सकते हैं। फिर उसकी एड्रेस पर जाकर आप उस मशीन को खरीदने के साथ साथ चालान भी सीख सकते हैं। 

लघु उद्योग शुरू करने के लिए डाक्यूमेंट्स क्या लगेंगे?

अगर भारत में आपको कोई भी बिज़नेस शुरू करना है तो आपको कुछ डाक्यूमेंट्स बनवाने पड़ेंगे जिसके बाद किसी भी तरह के बिज़नेस को करने के लिए पात्र हो जाएंगे। ये अलग अलग डाक्यूमेंट्स आप अपने बिज़नेस के अनुसार बनवाने होंगे। इनमें ज्यादातर निम्नलिखित डाक्यूमेंट्स शामिल हैं।

  • GST 
  • पोलुशन कण्ट्रोल बोर्ड से NOC 
  • फायर सेफ्टी डिपार्टमेंट से NOC 
  • उद्योग आधार या MSME रजिस्ट्रेशन 
  • करंट अकाउंट 
  • BIS रजिस्ट्रेशन 
  • बिज़नेस पैन कार्ड

लघु उद्योग के प्रोडक्ट की मार्केटिंग कैसे करें?

प्रोडक्ट तैयार करने के बाद अब बारी आती है मार्केटिंग की। जब तक आप अपने प्रोडक्ट की  मार्केटिंग नहीं करेंगे तब तक आपके कस्टमर ये पता ही नहीं चलेगा। कि आप क्या प्रोडक्ट बनाते हैं। इसलिए ये जरुरी है कि आप जो भी प्रोडक्ट बना रहे हैं, उसकी मार्केटिंग जरूर करें।

आप कई तरीकों से अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग कर सकते हैं। जैसे डिजिटल मार्केटिंग के जरिये एड चलाकर। रिटेलर को कम दाम पर अपना प्रोडक्ट उपलब्ध करवाकर। छोटे दुकानदारों को आकर्षक ऑफर देकर। 

इस तरह जब छोटे दुकानदारों को आप आकर ऑफर देंगे तो वह खुद आपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग करेंगे और कस्टमर तक आपके प्रोडक्ट को पहुंचाएंगे।

लघु उद्योग के लिए सरकार की योजनाएं?

लघु उद्योग शुरू करने जा रहे उद्यमियों के सरकार द्वारा कई योजनाएं चलायी जाती हैं। इनमें से कुछ इस प्रकार हैं।

योजना का नामलक्ष्यलाभार्थीलाभ
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY)सूक्ष्म उद्यमियों को लोन प्रदान करनागैर-कृषि क्षेत्र में लघु उद्योग स्थापित करने वाले व्यक्ति₹10 लाख तक का लोन, सरकारी सब्सिडी, क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP)ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करनाग्रामीण क्षेत्रों में लघु उद्योग स्थापित करने वाले व्यक्ति₹25 लाख तक का लोन, 25% तक सब्सिडी, कौशल विकास ट्रेनिंग
खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC)ग्रामीण क्षेत्रों में खादी और ग्रामोद्योगों को बढ़ावा देनाखादी और ग्रामोद्योग इकाइयां स्थापित करने वाले व्यक्तिलोन, सब्सिडी, कौशल विकास ट्रेनिंग, बाजार सहायता
सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड योजना (CGFMS)सूक्ष्म और लघु उद्यमों को लोन प्राप्त करने में आसानी प्रदान करनासूक्ष्म और लघु उद्यमलोन गारंटी, कम ब्याज दर, सरल लोन प्रक्रिया
क्रेडिट लिंक कैपिटल सब्सिडी स्कीम (CLCSS)सूक्ष्म और लघु उद्यमों को ब्याज सब्सिडी प्रदान करनासूक्ष्म और लघु उद्यम2% से 5% तक ब्याज सब्सिडी
राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (NSIC)सूक्ष्म और लघु उद्यमों को विभिन्न प्रकार की सहायता प्रदान करनासूक्ष्म और लघु उद्यमलोन, सब्सिडी, मार्केटिंग सहायता, कौशल विकास ट्रेनिंग, प्रौद्योगिकी सहायता
प्रधानमंत्री औद्योगिक क्षेत्र विकास योजना (PMFSS)खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों में रोजगार के अवसर पैदा करनाखाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने वाले व्यक्ति₹2 करोड़ तक का लोन, 75% तक सब्सिडी, कौशल विकास ट्रेनिंग

लघु उद्योग के फायदे

  • लघु उद्योग आपको अपना बॉस बनने और अपनी शर्तों और अपने अनुसार काम करने का मौका प्रदान करते हैं। आप अपनी काम करने के तरीकइ और किसी भी परिश्थिति में निर्णय लेने की प्रक्रिया को नियंत्रित कर सकते हैं।
  • सफल लघु उद्योग आपको अच्छी आय और वित्तीय स्वतंत्रता प्रदान कर सकते हैं। आप अपनी कमाई का इस्तेमाल अपनी जीवनशैली को बेहतर बनाने और अपने जीवन में तय किये हर छोटे बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कर सकते हैं।
  • लघु उद्योग के माध्यम से आप बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करके और समाज में अपने प्रोडक्ट और सेवाओं के माध्यम से अपना अहम योगदान दे सकते हैं। आप अपने उद्योग के ज़रिये अपने समाज और अपने आसपास के क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
  • लघु उद्योग आपको अलग अलग तरह के एवं नए स्किल विकसित करने और सीखने का मौका देते हैं। आप बिज़नेस मैनेजमेंट, मार्केटिंग, फाइनेंसियल, और कस्टमर सर्विस जैसे क्षेत्रों में अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।
  • अपना खुद का व्यवसाय चलाना बहुत ही फायदेमंद हो सकता है। आप अपनी उपलब्धियों पर गर्व महसूस कर सकते हैं और अपने काम में संतुष्टि प्राप्त कर सकते हैं।

लघु उद्योग के नुक्सान

  • लघु उद्योग शुरू करने में काफी हद तक जोखिम शामिल होता है। आप अपना पैसा और समय गंवा सकते हैं, खासकर बिज़नेस के शुरुआती दौर में।
  • आपकी कमाई अनिश्चित हो सकती है क्योंकि यह आपके बिज़नेस के प्रदर्शन पर निर्भर करेगी, जो बाजार के उतार चढ़ाव और अन्य कारणों से प्रभावित हो सकती है।
  • इसमें आपको बिना कमाई के लंबे समय तक काम करना पड़ सकता है। जिसमें आपको अपने बिज़नेस को सफल बनाने के लिए कड़ी मेहनत, धैर्य और समर्पण करना होगा।
  • लघु उद्योग को शुरू करना और इसे चलाना तनावपूर्ण हो सकता है। आपको कई जिम्मेदारियों को संभालना होगा और कई मौकों पर मुश्किल फैसले भी लेने होंगे। क्योंकि एक गलत फैसला आपका बहुत बड़ा नुकसान भी करवा सकता है। 
  • आपको अन्य लघु उद्योगों से कम्पटीशन का सामना करना पड़ता है। जिसे आपकी मार्किट प्रभावित हो सकती है और आपका प्रॉफिट भी प्रभावित हो सकता है।

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