Start-up India Yojana- A Complete Guide to DPIIT Registration and recognition number

Start-up India Yojana भारतीय केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गयी है।ताकि भारत में नौकरी ढूंढने वालों की जगह नौकरी देने वालों की संख्या बढे।  इस योजना के जरिए भारतीय सरकार एक मजबूत सिस्टम बनाना चाहती है। जिससे अधिक से अधिक Start-ups शुरू हो और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा हो। 

इस उद्देश्य के साथ सरकार start-up India Scheme में अलग-अलग कार्यक्रम भी चलाती है जिससे नए स्टार्ट-अप को प्रोत्साहन मिल सके। 

  • भारतीय युवाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रेरित करना।
  • उद्यमी (entrepreneur) होने को आकर्षक और उद्यमिता के लिए जागरूकता पैदा करना।.
  • स्टार्टअप को शुरुआती दौर में समर्थन करना।  
  • स्टार्टअप शुरू करने की प्रक्रिया को सरल करना। 
  • बढ़ती आबादी के साथ रोजगार की समस्याओं को दूर करना।

स्टार्टअप भारतीय योजना के लाभ (Benefits of Start-up India yojana in detail)

Start-up India योजना में आवेदन करने के बाद आपको नीचे दिए गए लाभ मिलते हैं-

  1. खुद से रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था

    – किसी भी कंपनी को श्रम कानून और पर्यावरण कानून में पंजीकरण कराना होता है। योजना में आवेदन के बाद आप खुद से और आसानी से यह पंजीकरण (registration) कर सकते हैं।

  2.  कर पर छूट
    – 3 साल के लिए आइटीआर (ITR)  यानी इनकम टैक्स पर छूट दी जाएगी। आपकी कंपनी को अपनी आय पर कोई भी कर नहीं देना होगा।
  3.  एंजेल निवेश पर कोई कर नहीं देना होगा
    – एंजेल निवेश वह निवेश होता है जो कंपनी या कोई व्यक्ति आपकी कंपनी में शेयर के बदले पैसा लगाता है।
  4. श्रम विभाग की जांच से छूट

    – इस योजना में आवेदन के बाद 3 साल तक श्रम विभाग की जांच से स्टार्टअप को छूट दी जाएगी। जांच तभी की जाएगी जब कोई खास शिकायत हो।

  5. पेटेंट और ट्रेडमार्क पर छूट

    – पेटेंट कराने पर 50 से 80% और ट्रेडमार्क पंजीकरण पर 50%  की छूट स्टार्टअप को दी जाती है।

  6. न्यूनतम पात्रता से छूट

    – GeM (एक ऑनलाइन प्लेटफार्म)  के जरिए सरकार टेंडर (tender) निकालती है। उन टेंडर में हिस्सा लेने के लिए अलग अलग पात्रताएं होती हैं। लेकिन अगर आप योजना में आवेदन कर लेते हैं तो आप किसी भी टेंडर में हिस्सा ले सकते हैं चाहे आप मापदंड(criteria) पर खरे उतरते हो या नहीं।

  7. आसान समापन प्रक्रिया-

    (winding-up) – कंपनी के दिवालिया हो जाने पर सिर्फ 90 दिनों में आप कंपनी का समापन कर सकते हैं।

 इस के अलावा startupindia.gov.in एक ऐसा प्लेटफार्म है जहां स्टार्टअप, निवेशक (investor), मेंटर (mentor)  एक दूसरे से बातचीत करते हैं। और ज्ञान का आदान प्रदान (exchange) करते हैं।

Eligibity Criteria for Start-up India

स्टार्टअप इंडिया योजना में रजिस्टर करने के लिए निम्नलिखित पात्रता जरूरी है-

  1. आपका स्टार्टअप इन तीनों में से एक होना चाहिए-
    1. प्राइवेट लिमिटेड कंपनी (private limited company)
    2. लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (limited liability partnership)
    3. रजिस्टर्ड पार्टनरशिप (registered partnership)
  2. निगमन / पंजीकरण की तारीख(date of incorporation) 10 साल तक ही होनी चाहिए, इससे ज्यादा नहीं। . 
  3. आपके स्टार्ट-अप का वार्षिक कारोबार(annual turnover), पंजीकरण की तारीख से आज तक, (किसी भी वित्तीय वर्ष के लिए) 100 करोड़ से ज्यादा नहीं होना चाहिए। 
  4. आपका स्टार्टअप पहले से ही मौजूद किसी व्यवसाय(business) को, विभाजित या पुन निर्माण करके, संगठित किया हुआ ना हो। 
  5. आपकी कंपनी किसी विकास या सुधार की दिशा में या नवीनीकरण(innovation) की दिशा में कार्य करें या फिर आपके व्यवसाय में रोजगार और धन सृजन (profit generation) करने की क्षमता अधिक हो। 

 अगर आपकी कंपनी ऊपर दिए गए 5 पॉइंट पर खरी उतरती है तो आप Start-up India योजना में आवेदन करने के लिए सक्षम है।

आवेदन की प्रक्रिया (Process to Apply in Start-up Yojana)

Registration process step by step

योजना में केवल स्टार्टअप ही नहीं बल्कि आप एक निवेशक, इनक्यूबेटर, सरकारी निकाय, कॉर्पोरेट, व्यक्तिगत, पथ-प्रदर्शक के तौर पर भी रजिस्टर कर सकते हैं। 

स्टार्ट-अप के लिए योजना में आवेदन की प्रक्रिया 3 चीजों से मिलकर बनी है –

  • स्टार्टअप इंडिया वेबसाइट(website) में अपनी आईडी(ID) बनाना। 
  • अपने स्टार्टअप को रजिस्टर कराना। 
  • डीपीआईआईटी (DPIIT) के तहत स्टार्ट-अप को मान्यता दिलाना।  

 जब यह तीनों काम हो जाएंगे तभी आपको योजना का पूर्ण रूप से लाभ मिलेगा।

  • नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें –   Register here
  • दाहिने हाथ की तरफ(right-hand side) यहाँ क्लिक करें और रजिस्टर पर क्लिक करें –
  • Startupindia.gov.in website image
  • अपना नाम, ईमेल, फ़ोन नंबर डालें, ओटीपी भरे और एक पासवर्ड चुनें।
  • अब आपका अकाउंट वेबसाइट पर बन चुका है।

(Log-In To Your ID And Enroll your Start-up):

  • रजिस्टर करने के बाद आपकी आईडी बन चुकी है। 
  • इसके बाद आपको स्टार्टअप या निवेशक या जिस भी तरह से आप रजिस्टर करना चाहते हैं वह चुनना होगा।
  • आप जिस भी तरह से रजिस्टर करना चाहेंगे उसके अनुसार आपको जानकारी देनी होगी।
  • स्टार्टअप की तरह रजिस्टर करने के लिए आपको  यह जानकारी देनी होंगी
    • स्टार्टअप के बारे में-  स्टार्टअप का लोगो,  नाम और अभी किस चरण में है आदि जानकारी।
    •  संपर्क जानकारी-  आप ईमेल आईडी, वेबसाइट आदि। 
    •  श्रेणी – आपका स्टार्टअप किस चीज पर कार्य करता है, CIN नंबर। 
    •  आपकी रुचि-  आप वेबसाइट का किस तरह से इस्तेमाल करना चाहते हैं।  जैसे दूसरे स्टार्टअप से मिलने के लिए, किसी मार्गदर्शक के लिए या फंड पाने के लिए इत्यादि। 
  • इसके बाद आपकी स्टार्टअप के तौर पर रजिस्ट्रेशन (registration) पूरा हो जाएगा। 
  • अब आपकी स्टार्टअप इंडिया (Startup Yojana) के अंतर्गत एक प्रोफाइल (profile) बन चुकी है।
  • आपकी प्रोफाइल को लाइव करने में अभी 1 या 2 दिन का समय लगेगा।  गुणवत्ता टीम आपके द्वारा दी गई जानकारी को आश्वस्त (ensure) करेगी उसी के बाद आपकी प्रोफाइल को लाइव किया जाएगा।

(Process To Acknowledge under DPIIT Start-up)-

 स्टार्ट-अप को पूर्ण रूप से पंजीकरण कराने के लिए आप वेबसाइट पर लॉगिन करें और नीचे दी गई प्रक्रिया करें –

  • डैशबोर्ड पर जाएं। 
  • “DPIIT recognition” पर क्लिक करें।
  • “Click here to edit application” पर क्लिक करें।
  • यहां आपको नीचे दी गई जानकारी भरनी होगी
    •  इकाई विवरण (entity detail)
    •  पूरा पता (full address of office)
    •  अधिकृत प्रतिनिधि विवरण (authorised representative detail)
    •  निर्देशक विवरण (director/partner detail)
    •  आवश्यक जानकारी (information required)
    •  स्टार्टअप गतिविधि (start-up activities)
    •  सेल्फ सर्टिफिकेशन (self-certification)
  • ऊपर दी गई जानकारी को सही तरीके से भरे।  इसी जानकारी से यह निश्चय होगा कि आप योजना के अंतर्गत अन्य सुविधाओं के भागीदार है या नहीं। 
  • आपको 4-5 दिन के लिए इंतजार करना होगा। 

एक टीम आपकी इस जानकारी की जांच करेगी और यह निश्चय करेगी की आप का Start-up इन लाभ के लिए ठीक है या नहीं। 

4-5 दिन के बाद आपका फॉर्म मान्य होगा, या रिमार्क्स, या रिजेक्ट होगा।   

यह फॉर्म आप सिर्फ तीन बार कोशिश कर सकते हैं। अगर तीसरी बार कोई शिकायत आती है तो आप का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा।

स्टार्ट-अप इंडिया वेबसाइट में कौन कौन रजिस्टर कर सकता है? (Who can register in Start-up scheme?)

Who can register in website

टोल फ्री नंबर , ईमेल आईडी (Where to contact for any Query In Start-up Yojana)

टोल-फ्री: 1800 115 565

ई-मेल: dipp-startups@nic.in

आधिकारिक वेबसाइट (Official Website of Start-up India)

Start-up India logo

FAQs

जब कोई भारतीय  निवेशक किसी गैर कंपनी मैं शेयर के बदले निवेश करता है। और जारी किए गए शेयरों की कीमत बाजार के मूल्य से अधिक है तो अतिरिक्त वसूली गई कीमत को आय माना जाता है। उस अतिरिक्त आय  पर कर लगाया जाता है जिसे हम एंजेल टैक्स कहते हैं।

  1. भवन और अन्य निर्माण श्रमिक (रोजगार और सेवा की शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 1996
  2. अंतर-राज्य प्रवासी कामगार (रोजगार और सेवा की शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 1979
  3. ग्रेच्युटी का भुगतान अधिनियम, 1972
  4. ठेका श्रम (विनियमन और उन्मूलन) अधिनियम, 1970
  5. कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952   
  6. कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948
  1. जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1974
  2. जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) उपकर (संशोधन) अधिनियम, 2003
  3. वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1981
  4.  
  1. उद्योग और आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने का विभाग

    Department of promotion of industry and internal trade.

इसके लिए एक समिति बनाई गई है जिसके अंतर्गत यह  मेंबर आते हैं-

  • Joint Secretary, Department for Promotion of Industry and Internal Trade, Convener
  • Representative of Department of Biotechnology, Member
  • Representative of Department of Science & Technology, Member

CIN का मतलब है company identification number. यह एक 21 अक्षरों का नंबर है। यह भारत में हर किसी प्राइवेट कंपनी, वन पर्सन कंपनी, लिमिटेड लायबिलिटी कंपनी, निधि कंपनी आदि को दिया जाता है।

आप Find CIN

इस लिंक पर जाकर आप अपनी रजिस्टर्ड कंपनी का CIN पता कर सकते हैं।

स्टार्ट-अप इंडिया एक प्लेटफॉर्म है जिसमें सभी हितधारक एक दूसरे से बातचीत करते हैं और ज्ञान का आदान- प्रदान करते हैं।

किसी उत्‍पाद, वस्‍तु या आविष्‍कार को बनाने, प्रयोग करने या बेचने पर केवल एक व्‍यक्ति का ही अधिकार होना। 

किसी कंपनी द्वारा अपनी वस्‍तुओं के लिए प्रयुक्त विशेष चिह्न, डिज़ाइन या नाम जिसका इस्‍तेमाल दूसरी कंपनी नहीं कर सकती।

Do you know? The central government scheme known as “Ayushman Bharata Yojana” provides 5 lack assurance, every year!

Read for the benefit now!

Hello reader, This is a platform for all Indians to learn about government schemes and how we can contribute to the well being our country.

4 thoughts on “Start-up India Yojana- A Complete Guide to DPIIT Registration and recognition number”

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    Satrup yojna is a commendable step the India Govt.
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