पैन कार्ड (PAN Card) एक ऐसा डॉक्यूमेंट है जो हमें अक्सर ही वेरिफिकेशन या बैंकिंग से सम्बंधित कार्यों के लिए सबमिट करना होता है। ऑनलाइन हम पैन कार्ड नंबर का इस्तेमाल करते हैं। और ऑफलाइन बैंकिंग या अन्य कार्यों में वेरिफिकेशन के लिए पैन कार्ड की फोटो कॉपी का इस्तेमाल करते हैं। क्या आपको पता है पैन कार्ड क्या होता है, कितने प्रकार का होता है, और पैन कार्ड नंबर का मतलब क्या होता। इस लेख में आपको फायदों सहित पूरी जानकारी दी गयी है।
Contents
- 1 पैन कार्ड क्या होता है? (What is PAN Card)
- 2 पैन कार्ड के कितने प्रकार होते हैं? (types of PAN Card)
- 3 पैन कार्ड के पांच फायदे (5 benefits of PAN Card)
- 4 पैन कार्ड बनवाना क्यों जरुरी है?
- 5 पैन कार्ड बनवाने के लिए पात्रता (Eligibility for PAN Card)
- 6 पैन कार्ड बनवाने के लिए जरुरी दस्तावेज
- 7 पैन कार्ड आवेदन शुल्क
- 8 पैन कार्ड बनवाने के तरीके
- 9 पैन कार्ड के 10 अंकों का मतलब क्या होता है?
- 10 पैन कार्ड और e – पैन कार्ड में क्या अंतर है?
- 11 Conclusion
पैन कार्ड क्या होता है? (What is PAN Card)
पैन कार्ड (PAN Card) का फुल फॉर्म होता है परमानेंट अकाउंट नंबर (Permanent Account Number) या इसे हम स्थाई खाता संख्या भी कहते हैं। ये 10 अंकों का एक ऐसा नंबर होता है जिसे आयकर विभाग द्वारा जारी किया जाता है। ये लेमिनेटेड कार्ड या PVC कार्ड के रूप में होता है। इसमें कार्ड धारक का Qr Code, नाम, पैन कार्ड का नंबर, फोटो, होलोग्राम आदि सारा विवरण लिखा होता है। पूरे भारत में ये हर खाताधारक के लिए इसे बनवाना जरूरी है।
पैन कार्ड के कितने प्रकार होते हैं? (types of PAN Card)
पैन कार्ड फार्म मुख्यत दो तरह के होते हैं, Form 49A और Form 49AA ।
Form 49A – ये फार्म भारत के निवासियों के लिए होता है। भारत का कोई भी पात्र व्यक्ति फार्म 49A भरकर पैन कार्ड के लिए आवेदन कर सकता है।
Form 49AA – अगर कोई विदेशी व्यक्ति भारत में पैन कार्ड बनवाना चाहता है तो उसे फार्म 49AA भरना होगा। ये विदेशियों के लिए होता है।
किसी कंपनी के नाम पर लेन देन करने के लिए अलग से पैन कार्ड बनवाना पड़ता है।
यहाँ से Download करें Form 49A pdf और Form 49AA pdf
पैन कार्ड के पांच फायदे (5 benefits of PAN Card)
पैन कार्ड के फायदे –
- दोपहिया वाहनों को छोड़कर अगर किसी वाहन की खरीदो-फरोखत करनी हो तो पैन कार्ड अनिवार्य है।
- अगर आपको किसी बैंक में खाता खुलवाना हो और 50,000 तक पैसा जमा करना या निकलवाना हो तो पैन कार्ड जरूरी है।
- अगर डीमैट खाता खुलवाना हो तो भी पैन कार्ड आवश्यक है।
- आयकर के पात्र हर व्यक्ति को आयकर रिटर्न भरना होता है। आयकर रिटर्न भरने के लिए पैन कार्ड जरूरी है।
- यदि कोई व्यक्ति अचल संपत्ति जैसे कि कोई घर या प्लॉट खरीदना या बेचना चाहता है, जिसकी कीमत 5 लाख से अधिक हो तो उसके लिए पैन कार्ड का विवरण देना जरूरी है।
पैन कार्ड बनवाना क्यों जरुरी है?
भारत सरकार का पैन कार्ड बनवाने का मुख्य मकसद ट्रांजैक्शन में होने वाली चोरी को रोकना है। पैन कार्ड भारत सरकार के आयकर विभाग द्वारा जारी किया जाता है। आज की तारीख में कोई भी ऑफिशियल काम करना हो तो आपके पास पैन कार्ड जरूरी होता है।
अगर आपके पास पैन कार्ड नहीं है तो आपके कई काम अटक सकते हैं। आयकर से सम्बन्धित कोई काम हो या बैंकिंग से सम्बंधित कोई काम हो, पैन कार्ड होना जरूरी है। वित्तीय लेनदेन के अलावा और भी बहुत से कामों में पैन कार्ड की आवश्यकता होती है।
पैन कार्ड बनवाने के लिए पात्रता (Eligibility for PAN Card)
जो भी कोई व्यक्ति भारत का निवासी है वह पैन कार्ड बनवा सकता है। उन्हे कुछ जरूरी दस्तावेज जैसे कि वैध पहचान पत्र, जन्म तिथि का प्रमाण और स्थाई पते का प्रमाण जमा करवाना होगा। हालांकि पैन कार्ड बनवाने के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष निर्धारित है परन्तु 18 से कम आयु के बच्चे भी पैन कार्ड बनवा सकते हैं। अगर बच्चे के माता- पिता बच्चे के नाम पर कोई निवेश करना चाहते हैं तो माता पिता के बीहाफ पर बच्चे का पैन कार्ड बन जाएगा।
फार्म जमा करने के दौरान नाबालिग के अभिभावक को बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र के अलावा अपने से जुड़े प्रमाण पत्र भी जमा करवाने होंगे। इसके अलावा नाबालिग का आधार नंबर भी देना होगा। पैन कार्ड बनवाने के लिए अधिकतम आयु की कोई सीमा नहीं है।
पैन कार्ड बनवाने के लिए जरुरी दस्तावेज
पैन कार्ड बनवाने के लिए जरूरी दस्तावेज निम्नलिखित हैं –
- वोटर कार्ड
- पासपोर्ट
- आधार कार्ड
- ड्राइविंग लाइसेंस
- आवेदक की फोटो वाला राशन कार्ड
- बैंक द्वारा जारी किया गया प्रमाण पत्र जिसमें जिसमें आवेदक का फोटो और बैंक अकाउंट नंम्बर मौजूद हो।
- भारत सरकार या राज्य सरकार द्वारा जारी किया गया अधिवास प्रमाण पत्र
पैन कार्ड आवेदन शुल्क
अगर कोई भारतीय पैन कार्ड बनवाता है। तो ऑनलाइन पैन कार्ड बनवाने की फीस है 101 रूपए (with GST) है। और यदि आप ऑफलाइन बनवाते हैं तो उसकी फीस 107 रूपये (with GST)है।
अगर कोई विदेशी व्यक्ति भारत में पैन कार्ड बनवाना चाहता है। तो ऑनलाइन प्रक्रिया के दौरान 1020 रूपए फीस के रूप में चुकाने होंगे। और ऑफलाइन प्रक्रिया के दौरान 1017 रूपये चुकाने होंगे। इसमें एप्लीकेशन फीस + GST + भेजने का शुल्क शामिल होंगे।
एक बार पैन कार्ड बनने के बाद कोई भी आसानी से भारत में अपना नया बैंक अकाउंट खुलवा सकता है। बड़ा बिज़नेस कर सकता है। शेयर मार्किट में इन्वेस्ट कर सकता है।
पैन कार्ड बनवाने के तरीके
पैन कार्ड बनवाने के लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन, दोनों तरह से आवेदन किया जा सकता है। आप अपनी सहूलियत के अनुसार दोनों तरीकों में से किसी भी तरीके से पैन कार्ड बनवा सकते हैं। आईये आपको दोनों तरीकों के बारे में बताते हैं।
ऑनलाइन आवेदन
ऑनलाइन आवेदन करने के लिए Pan Card की ऑफिसियल वेबसाइट NSDL और UTIITSL पर जाकर न्यू पैन कार्ड के लिए अप्लाई करना होगा। सारी आवश्यक जानकारी भरकर ऑनलिंग फीस भरनी होगी। एप्लिकेशन फार्म सबमिट करने के बाद वेरिफिकेशन होगी और 15 से 20 दिनों के अंदर आपका पैन कार्ड आपको मिल जाएगा।
ऑफलाइन आवेदन
ऑफलाइन आवेदन करने के लिए आपको NSDL या UTIITSL की वेबसाइट से फार्म डाउनलोड करना होगा। इसके बाद आपको फार्म भरकर जरूरी दस्तावेज अटैच करने होंगे। साथ में आपको प्रोसेसिंग फीस भरकर फार्म को NSDL ऑफिस में जमा करवाना होगा। फार्म जमा करने के 15 दिन के अंदर आपको आपके लिखे पते पर पैन कार्ड मिल जाएगा। पैन कार्ड को एजेंट के द्वारा कुछ अतिरिक्त शुल्क देकर भी बनवाया जा सकता है।
पैन कार्ड के 10 अंकों का मतलब क्या होता है?
पैन कार्ड के 10 अंकों में हर तरह की जानकारी छुपी होती है जिसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ट्रैक करता है। पैन कार्ड में पहले 5 अक्षर अल्फाबेटिक होते हैं फिर चार अक्षर न्यूमेरिक होते हैं और दसवां अक्षर अल्फाबेटिक होता है।
इन दस अंको में पहले 5 अंक जो अल्फाबेट होते हैं। वह यह निर्धारित करते हैं। कि पैन कार्ड होल्डर कौन है। वो इंडिविजुअल है या कंपनी है। आईये आपको इनका मतलब बताते हैं।
अल्फबेटिक नंबर | मतलब |
---|---|
P | व्यक्ति या इंडिविजुअल |
C | कंपनी |
H | हिन्दु अभिवाजित |
A | लोगों का संघ |
B | बॉडी ऑफ इंडिविजुअल |
T | ट्रस्ट |
L | लोकल अथॉरिटी |
F | फर्म |
G | सरकारी एजेंसी |
J | ज्यूडिशियल |
इसके आलावा पैन कार्ड का पांचवा डिजिट आपके सरनेम को दर्शाता है।
पैन कार्ड और e – पैन कार्ड में क्या अंतर है?
विशेषता | पैन कार्ड | e-Pan Card |
---|---|---|
रूप | भौतिक कार्ड (प्लास्टिक या पेपर) | डिजिटल कार्ड (PDF) |
प्राप्ति | डाक द्वारा | ऑनलाइन डाउनलोड |
शुल्क | ₹101 (नए आवेदन के लिए) | ₹8.99 (डाउनलोड के लिए) |
प्रतिलिपि | 2 प्रतियां | असीमित प्रतियां |
सुरक्षा | खोने या चोरी होने का खतरा | अधिक सुरक्षित |
क्या आप आयुष्मान कार्ड के बारे में जानते हैं। यह एक ऐसा कार्ड है जिसे अगर आप बनवा लेते हैं तो आपको सरकार की तरफ से एक साल के अंदर 5 लाख तक का इलाज मुफ्त में किया जाता है। इस योजना के बारे में जानने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।
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Conclusion
पैन कार्ड का फुल फॉर्म (Full Form of PAN Card) Permanent Account Number होता है। इस कार्ड का इस्तेमाल ऑनलाइन वेरफिकेशन और बैंकिंग एवं अन्य वित्तीय कार्यों में ऑफलाइन वेरफिकेशन के लिए किया जाता है। सरकार द्वारा पैन कार्ड नंबर का इस्तेमाल किसी व्यक्ति या कंपनी की वित्तीय जानकारी एवं टैक्स आदि का हिसाब किताब रखने के लिए किया जाता है।
हर भारतीय नागरिक के पास पैन कार्ड होने चाहिए नहीं तो वह न तो बैंक में खाता खुलवा सकता है न कहीं से लोन ले सकता है। किसी भी तरह के ऑनलाइन ट्रांसक्शन भी नहीं कर सकता। इसे बनवाने के प्रक्रिया बहुत आसान है। आप अपने नजदीकी CSC केंद्र में जाकर अपना पैन कार्ड बनवा सकते है। जो NSDL द्वारा आपके घर के पते पर डाक द्वारा भेज दिया जाता है।