भारत में पैसों के लेनदेन को ऑनलाइन तरीके से करना काफी लोकप्रिय हो गया है। आज के समय में लोग तुरंत एक बैंक से दूसरे बैंक में पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। अब उन्हें बैंकों में जाकर लम्बी कतारों में नहीं लगना पड़ता है। इससे एक तो समय की बचत होती है। दूसरा पैसों के चोरी होने डर भी नहीं रहता। वैसे तो ऑनलाइन लेनदेन कई तरीकों से किया जाता है जैसे NEFT, RTGS, IMPS आदि।
लेकिन आज हम बात करेंगे आरटीजीएस के बारे में कि येक्या है , क्या लाभ हैं, कैसे उपयोग करना है, कितनी राशि ट्रांसफर कर सकते हैं, ये सारी जानकारी आपको इस आर्टिकल में मिलने वाली है। पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।
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RTGS kya hai है और इसकी शुरुआत कब हुई?
RTGS का Full Form ‘ रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट’ है। ये एक ऐसी विशेष इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर प्रणाली है जिसका उपयोग बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा ज्यादा राशि और तुरंत ट्रांसफर के लिए किया जाता है। इसके द्वारा लेनदेन करने पर राशि तुरंत एक बैंक अकाउंट से दूसरे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो जाती है।
इसकी शुरुआत 26 मार्च 2006 में की गई थी। शुरु होने के 14 साल बाद इसे 24×7 जारी रहने वाली सेवा कर दिया गया। इसके ज़रिये रोजाना 6.35 लाख ट्रांजैक्शन किए जाते हैं।
RTGS के फायदे
- RTGS से लेनदेन करना सुरक्षित और सरल है।
- इसके द्वारा आप 2 लाख से ऊपर कितनी भी राशि ट्रांसफर कर सकते हैं। कुछ मामलों को छोड़कर इसमें कोई लिमिट नहीं है।
- इसमें राशि उसी टाइम प्राप्त हो जाएगी जिस टाइम इसे भेजा गया है।
- ये सेवा हफ्ते के सातों दिन 24 घंटों जारी रहती है।
- इसमें किसी तरह के कोई दस्तावेज या कोई चेक आदि की जरूरत नहीं होती।
- इसके लिए इंटरनेट बैंकिंग सुविधा मिलती है ताकि ट्रांसफर कहीं से भी किया जा सके।
- ये सेवा निशुल्क या नमात्र शुल्क के साथ मिलती है।
- आरटीजीएस प्रणाली कानूनी रूप से ग्राहक को सुरक्षा प्रदान करती है।
- ये कारोबारियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
RTGS चार्जेज
ट्रांसफर की गई राशि | लगाया गया शुल्क |
2 लाख से 5 लाख तक | ₹ 25/- |
5 लाख से ऊपर तक | ₹ 50/- |
RTGS करने के तरीके
RTGS से फंड ट्रांसफर को आप नीचे लिखे तीन तरीकों से कर सकते हैं।
बैंक शाखा से
आप बैंक शाखा में जाकर भी आरटीजीएस लेनदेन कर सकते हैं। इसके लिए आपको एक फॉर्म लेना होगा। इस फॉर्म के माध्यम से आप NEFT भी कर सकते हैं और आरटीजीएस भी कर सकते हैं। RTGS से फंड ट्रांसफर करने के लिए आपको आरटीजीएस के बॉक्स में टिक लगाना है और बाकि की डिटेल भर देनी है। चूँकि हर बैंक में फॉर्म भरने का प्रोसेस अलग अलग हो सकता है। इसके लिए आप बैंक के कर्मचारी की मदद ले सकते हैं।
वह आपकी फॉर्म भरने में पूरी मदद कर देंगे। सही से सारी जानकारी भरने के बाद आपको फॉर्म लेकर केशियर के पास जाना है। और कॅश उसको दे देना है। इसके बाद वह लेनदेन को पूरा कर देगा और आपको एक स्लिप दे देगा। जो इस बात को प्रूफ है कि Bank द्वारा आपका फॉर्म स्वीकार कर लिया गया है और जल्द ही फंड ट्रांसफर हो जाएगा।
मोबाइल बैंकिंग एप्स द्वारा
बैंक आपको मोबाइल बैंकिंग एप्स भी प्रदान करते हैं। इन एप्स के द्वारा आप अपने स्मार्टफोन या टेबलेट की मदद ही बैंकिंग से सम्बंधित कई तरह के कार्य कर सकते हैं। जैसे UPI पेमेंट, FD, बिल भरना एवं इस एप से आप आरटीजीएस लेनदेन भी कर सकते हैं। ये एप्स बहुत सुविधाजनक होते हैं और के तरह से चलते फिरते बैंक होते हैं।
मोबाइल बैंकिंग से फंड ट्रांसफर करने के लिए पहले आपको यह देखना होगा कि आपके बैंक के मोबाइल बैंकिंग एप में यह सुविधा उपलब्ध है या नहीं। क्योंकि कुछ एप्स में यह सुविधा नहीं होती।
- यदि आपके बैंक के मोबाइल बैंकिंग एप में यह सुविधा है तो आपको RTGS के ऑप्शन पर जाना है। जो आपको Fund Transfer या Money Transfer के ऑप्शन में मिलेगा।
- अब आपको जिस अकाउंट में आरटीजीएस करना है उसकी जो भी डिटेल मांगी गयी है। उसे सही से भरना है।
- इसके बाद Send, Submit या Pay इनमे से जो आपके मोबाइल बैंकिंग एप में ऑप्शन होगी। इसपर क्लिक कर देना है।
- इस लेनदेन को वेरीफाई करने के लिए आपके मोबाइल पर OTP आएगा। OTP भरने के बाद Verify पर क्लिक करते ही फंड ट्रांसफर हो जाएगा।
नेटबैंकिंग द्वारा
- सबसे पहले आप नेटबैंकिंग द्वारा अपने बैंक अकाउंट में लॉगिन करें।
- अब आप ‘Fund Transfer या Payment के ऑप्शन पर क्लिक करें।
- प्राप्तकर्ता का बैंक अकॉउंट नंबर, प्राप्तकर्ता का नाम, बैंक शाखा का नाम, IFSC कोड को सही से भरें।
- ट्रांसफर की जाने वाली राशि को भरें।
- OTP भरकर पेमेंट को सेंड करें।
- मैसेज के माध्यम से लेनदेन की पुष्टि हो जाएगी।
- प्राप्तकर्ता को मिलने वाली राशि की जानकारी मिल जाएगी।
- इससे सम्बन्धित मैसेज सेव कर लें।
RTGS लेनदेन शुरु करने के लिए दस्तावेज
- भेजने वाले का अकाउंट नंबर
- भेजने वाले की अकाउंट डिटेल्स
- भेजने वाले का बैंक और बैंक शाखा का नाम
- प्राप्तकर्ता का पूरा नाम
- प्राप्तकर्ता के बैंक का IFSC कोड
- ट्रांसफर की जाने वाली राशि
- कोई आवश्यक टिप्पणी या नोट अगर जरूरी हो
RTGS Transaction Limit
आरटीजीएस से आप ट्रांजैक्शन सिर्फ तब कर सकते हैं जब ट्रांसफर की जाने वाली राशि 2 लाख हो या इससे ऊपर। इससे कम की राशि को आप आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर नहीं कर सकते।RTGS से राशि ट्रांजैक्शन लिमिट बैंक शाखा और नेटबैंकिंग में अलग-अलग है।
बैंक शाखा के माध्यम से प्रतिदिन ट्रांजैक्शन लिमिट
अगर आप बैंक शाखा में जाकर RTGS के माध्यम से राशि ट्रांसफर करते हैं तो इसकी कोई भी लिमिट नहीं है। आप 2 लाख से ऊपर कितनी भी राशि ट्रांसफर कर सकते हैं।
नेटबैंकिंग के माध्यम से प्रतिदिन ट्रांजैक्शन लिमिट
अगर आप नेटबैंकिंग के माध्यम से राशि ट्रांसफर करते हैं तो इसकी लिमिट 25 लाख रूपए है। आप नेटबैंकिंग द्वारा RTGS के माध्यम से 2 लाख से 25 लाख रूपए तक ट्रांसफर कर सकते हैं। हालांकि सभी बैंकों की लिमिट सीमा अलग-अलग हो सकती है।
RTGS से लेनदेन करने से पहले ध्यान रखने योग्य कुछ जरूरी बातें
अगर आप आरटीजीएस से लेनदेन करते हैं तो आप को बहुत सावधानी से लेनदेन करना चाहिए ताकि आपको किसी किस्म का कोई नुक्सान ना उठाना पड़े। इसके लिए आपको नीचे लिखी कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। जैसे कि –
नेटवर्क – लेनदेन करने से पहले आपको देखना होगा की प्राप्तकर्ता की बैंक शाखा भी RTGS नेटवर्क का हिस्सा है या नहीं। क्यूंकि लेनदेन केवल उन दो बैंकों में हो सकता है जो इस नेटवर्क का हिस्सा हों।
प्राप्तकर्ता की सही जानकारी – आपके पास प्राप्तकर्ता का पूरा नाम, बैंक अकाउंट नंबर, बैंक शाखा का नाम, IFSC कोड, अकॉउंट का प्रकार आदि सटीक जानकारी होनी चाहिए।
सही खाता संख्या – जब आप आरटीजीएस से लेनदेन करते हैं तो बहुत सावधानी से अकॉउंट नंबर भरें। जरा सी गलती से राशि किसी गलत अकॉउंट में जा सकती है।
लेनदेन का रिकॉर्ड – जब आप लेनदेन करते हैं तो इससे सम्बन्धित दस्तावेज या कोई मैसेज आदि संभालकर रखें। किसी तरह का विवाद होने पर ये बहुत काम आते हैं।
बैंक नीतियाँ – RTGS लेनदेन करने से पहले आपके पास संबंधित बैंक की RTGS नीतिओं के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए।
RTGS Status कैसे चेक करें?
आरटीजीएस से किया गया लेनदेन तुरंत ट्रांसफर हो जाता है। इसका स्टेटस देखने की जरूरत ही नहीं पड़ती। फिर भी अगर किसी कारणों से ट्रांजैक्शन फेल हो जाता है तो आप नीचे लिखे स्टेप्स की मदद से स्टेटस चेक कर सकते हैं।
- सबसे पहले अपने नेटबैंकिंग अकाउंट में लॉगिन करें।
- अब आप ट्रैकिंग यूनिक रेफेरेंस नंबर का उपयोग करके आसानी से स्टेटस चेक कर सकते हैं
- ये यूनिक नंबर हर सफल IMPS ट्रांजैक्शन के बाद आपको दिया जाता है।
- आप आईएमपीएस का स्टेटस जानने के लिए अपने सम्बन्धित बैंक को कॉल भी कर सकते हैं।
- कॉल करने के बाद स्टेटस जानने के लिए आपको यही रेफेरेंस नंबर या UTR Number बताना होगा। इसके बाद वो आपको लेनदेन का स्टेटस बता सकते हैं।
Conclusion
इस आर्टिकल में हमने आपको बताया RTGS Kya Hai, इसके द्वारा कैसे ट्रांसफर किया जा सकता है, लिमिट क्या हैं आदि। यह फंड ट्रांसफर करने का ऐसा तरीका है जिसके द्वारा तुरंत ही बड़ी राशि वाला फंड दूसरे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो जाता है।
नेफ्ट के बाद दूसरा सबसे लोकप्रिय फंड ट्रांसफर करने के लये यही सबसे अच्छा माध्यम है। जो आप अपने मोबाइल या इंटरनेट बैंकिंग के ज़रिये कर सकते हैं।
उम्मीद है आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा होगा। इस आर्टिकल से सम्बंधित अगर आपके मन में कोई प्रशन है तो कमेंट जरूर करें।