बहुत से लोग बिज़नेस शुरू करने के बारे में सोचते तो हैं। लेकिन ये सोचकर रुक जाते हैं “पैसा कहां से लाऊं?”
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!असलियत तो ये है कि आज के समय में बिज़नेस शुरू करने के लिए आपको बड़ी लागत की जरूरत नहीं होती। बल्कि जरूरी है सही जानकारी और सही जगह से पैसा जुटाने का तरीका पता होना।
जी हाँ, इस आर्टिकल में हमने बताया है कि बिज़नेस शुरू करने के लिए आपको पैसे कहां-कहां से मिल सकते हैं, कौन सा तरीका किसके लिए सही है, और 2026 में आपके लिए कौन-कौन से नए रास्ते उपलब्ध हैं।
आप चाहे छोटा shop खोलना चाहते हों, कोई manufacturing शुरू करना चाहते हों, या online बिज़नेस ही क्यों न करना चाहते हों इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।
Contents
- 1 क्या बिज़नेस शुरू करने के लिए ज्यादा पैसे की जरूरत होती है? (सच्चाई जानें)
- 2 बिज़नेस शुरू करने के लिए सही लागत कैसे तय करें? (Easy Cost Planning Guide)
- 3 खुद से बिज़नेस शुरू करने के लिए पैसा कैसे जुटाएं? (Personal Funding Ideas)
- 4 बिज़नेस के लिए बैंक लोन कैसे प्राप्त करें?
- 5 NBFC और Microfinance से बिज़नेस लोन कैसे मिलता है? (Easy Options)
- 6 2026 की Best Government Schemes जिनसे बिज़नेस के लिए फंडिंग मिलती है
- 7 Digital और Instant Business Funding क्या है? (2026 की नई Online Loans Guide)
- 8 Scalable बिज़नेस के लिए Startup Funding कैसे पाएं? (Angel, VC, Incubator Guide)
- 9 बिना पैसे के बिज़नेस कैसे शुरू करें? (Zero Investment Business Funding)
- 10 Manufacturing और Trading बिज़नेस के लिए Best Funding Options
- 11 बिज़नेस लोन या Funding लेते समय Fraud और High-Interest Traps से कैसे बचें?
- 12 Funding मिलने के बाद पैसा कैसे Manage करें? (First 6 Months Plan)
- 13 आपके बिज़नेस के लिए सबसे सही Funding Option कौन सा है? (Quick Decision Guide)
- 14 Conclusion – 2026 में बिज़नेस शुरू करने के लिए पैसा जुटाना पहले से कहीं आसान है
क्या बिज़नेस शुरू करने के लिए ज्यादा पैसे की जरूरत होती है? (सच्चाई जानें)
ज्यादातर लोग ये मानते हैं कि बिज़नेस शुरू करने के लिए पहले बड़ी रकम होनी चाहिए, लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है। कई बार आपका बढ़ाया हुआ छोटा कदम भी आगे चलकर एक बड़ा बिज़नेस बन सकता है।
आज के समय में ऐसे बहुत सारे तरीके मौजूद हैं जिनकी मदद से कोई भी व्यक्ति कम पैसे में अपना खुद का काम शुरू कर सकता है। आज कई ऐसे बिज़नेस हैं जिन्हें कम साधनों के साथ भी शुरू किया जा सकता है। जरूरत सिर्फ इस बात की होती है कि आप आपने काम के प्रति अपनी सोच को साफ रखें और शुरुआत कैसे करनी है इसका एक छोटा सा बिज़नेस प्लान जरूर बना लें। काम शुरू होते ही एक बिजनेसमैन को अंदाजा होने लगता है कि आगे क्या करना है और किस दिशा में जाना सही रहेगा।
अगर आप सही जगहों से जानकारी लेते हैं, अपने क्षेत्र के बारे में पहले थोड़ा समय लगाकर सीखते हैं, और छोटे कदम के साथ शुरुआत कर देते हैं, तो धीरे-धीरे आपको वह पैसा भी मिल जाता है जिसकी आपको जरूरत है।
बिज़नेस शुरू करने के लिए सही लागत कैसे तय करें? (Easy Cost Planning Guide)
किसी भी बिज़नेस की शुरुआत करने से पहले ये जानना ज़रूरी होता है कि आपको शुरुआत में कितने पैसों की जरूरत पड़ेगी। जब आप पहले ही ये साफ समझ लेते हैं कि आपकी लागत कितनी होगी,तब पैसा कहां से जुटाना है इसे तय करना आसान हो जाता है।
इसलिए बिज़नेस शुरू करने से पहले अपनी लागत का एक छोटा सा प्लान बनाना बहुत फायदेमंद होता है। ये प्लान आपको सही दिशा में सोचने में मदद करता है और फंडिंग के सटीक विकल्प चुनने की प्रक्रिया को आसान बना देता है।
इसको और आसान बनाने के लिए आप एक नोटबुक या फिर एक्सेल या गूगल शीट्स पर स्प्रेडशीट बनाकर खर्च को दो हिस्सों में बाँट सकते हैं शुरुआती खर्च और महीने के खर्च।
इससे “Exact Cost” को समझना बहुत आसान हो जाता है। अब इसके अंतर्गत आने वाले तीन छोटे भाग इस प्रकार हैं।
Minimum Viable Budget (MVB) क्या होता है
जब कोई व्यक्ति बिज़नेस शुरू करता है तो शुरुआत में बहुत कम चीज़ों की ही जरूरत होती है। Minimum Viable Budget मतलब एक ऐसा बजट जिसमें सिर्फ वही खर्च शामिल हों जिनके बिना आपका काम शुरू नहीं हो सकता। ये तरीका आपको फालतू खर्चों से बचाता है और जरूरी चीजों पर ध्यान देने में मदद करता है।
इससे आप ये समझ पाते हैं कि शुरुआत के समय कितनी छोटी रकम में भी काम चल सकता है और कहां ज्यादा पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है।
MVB बनाने के लिए आप दो लिस्ट बना सकते हैं, पहली लिस्ट में जरूरी खरीददारी लिखें और दूसरी लिस्ट में उन खर्चों को लिखें जिन्हें बाद में किया जा सकता है।
Setup Cost और Operating Cost क्या होती है।
किसी भी बिज़नेस में दो तरह के खर्च होते हैं। जो खर्च सिर्फ शुरुआत में होते हैं उन्हें Setup Cost कहा जाता है। जैसे –
- बिज़नेस के लिए जगह की व्यवस्था
- इंफ्रास्ट्रक्चर और फर्नीचर
- GST रजिस्ट्रेशन और अन्य लाइसेंस
- शुरुआती स्टॉक या रॉ मटेरियल
- मशीनरी, टूल्स या उपकरण
दूसरे खर्च वे होते हैं जो काम शुरू होने के बाद हर महीने आते रहते हैं, जैसे बिजली का बिल, वर्कर्स की तन्ख्वाह, टूल या सॉफ्टवेयर का खर्च या छोटे-मोटे सामान का खर्च। इन्हें Operating Cost कहते हैं। जैसे –
- बिजली और इंटरनेट का बिल
- वर्कर्स/स्टाफ की सैलरी
- सॉफ्टवेयर या टूल्स का सब्सक्रिप्शन
- पैकेजिंग, ट्रांसपोर्ट या छोटे-मोटे ऑपरेटिंग खर्च
- मेंटेनेंस और रिपेयर
जब आप इन्हें समझ लेते हैं, तब फंडिंग लेने में आसानी होती है, क्योंकि आप जानते हैं कि कहाँ एक बार पैसा लगेगा और कहाँ आपको बार-बार खर्च करना पड़ेगा।
Idea Validation से Funding आसान कैसे होती है?
जब आप किसी यूनिक प्रोडक्ट या आईडिया के साथ अपना बिज़नेस या स्टार्टअप शुरू करते हैं। और आप अपने बिज़नेस आइडिया को पहले छोटे स्तर पर आजमा लेते हैं, तो आपको ये पता चल जाता है कि ग्राहक आपके प्रोडक्ट या सर्विस को पसंद करते हैं या नहीं। इस छोटे से परीक्षण को Idea Validation कहा जाता है।
जब आपका आइडिया पहले से परखा हुआ होता है, तब किसी भी संस्था, व्यक्ति या बैंक का आपके ऊपर विश्वास बढ़ जाता है। उन्हें पता होता है कि आपका काम चल सकता है, इसलिए फंडिंग मिलने की संभावना भी बढ़ जाती है। इसके अलावा, validated idea दिखाता है कि आपका बिज़नेस आपके ग्राहकों को असल में कितना पसंद आ रहा है।
खुद से बिज़नेस शुरू करने के लिए पैसा कैसे जुटाएं? (Personal Funding Ideas)
बिज़नेस शुरू करने के लिए सबसे आसान और जल्दी मिलने वाला पैसा वही होता है जो आप खुद से जुटा सकते हैं। इस तरह आपको तुरंत पता चल जाता है कि बिज़नेस शुरू करने के लिए आप कितने पैसों को व्यवस्था कर सकते हैं।
जब आप अपने बिज़नेस में खुद से पैसे लगाकर शुरू करते हैं तो पूरे बिज़नेस पर आपका कण्ट्रोल होता है। आप अपने मन मुताबिक बिज़नेस को चलाने और उसे बड़ा करने के लिए फैसले ले सकते हैं।
अब आपको बताते हैं की वो कौनसे तरीके हैं जिनके द्वारा आप अपने बिज़नेस को शुरू करने के लिए पैसे इकट्ठा कर सकते हैं।
Personal Savings और Self-Funding
आज के समय में सभी लोग कुछ न कुछ सेविंग जरूर करते हैं ताकि जरुरत पड़ने पर उनका इस्तेमाल किया जा सके। अगर आपने भी पहले से कुछ ऐसी ही रकम बचाकर रखी है, तो आप उसे बिज़नेस को शुरू करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
ये तरीका सबसे आसान और सुरक्षित माना जाता है क्योंकि इसमें किसी और पर निर्भर नहीं होना पड़ता। इससे आप अपने छोटे-छोटे शुरुआती खर्च पूरे कर सकते हैं और फिर धीरे-धीरे प्रॉफिट के अनुसार अपने बिज़नेस को बड़ा कर सकते हैं।
Family या Friends से Support कैसे लिया जा सकता है
कभी-कभी घर के लोग या आपके करीबी दोस्त आपकी मदद करने के लिए तैयार हो जाते हैं। वे आपको छोटी राशि उधार दे सकते हैं जिसे आप बाद में धीरे-धीरे वापस कर सकते हैं।
ये सहायता बिना किसी बड़े नियम या मजबूरी के मिल जाती है, इसलिए ये कई लोगों के लिए आसान विकल्प बन जाता है। यदि आप अपने आस पास देखेंगे और पता करेंगे तो आपको ऐसे ढेरों बिज़नेस मिल जाएंगे जिन्होंने कुछ इसी तरह से शुरुआत की थी।
Side Income या Side Hustles से
अगर आप अभी कोई नौकरी या छोटा काम कर रहे हैं, तो उसके साथ-साथ एक छोटी सी अलग से कमायी का जरिया बनाया जा सकता है। ये तरीका धीरे-धीरे पूंजी बढ़ाता है और आपको बिना तनाव के पैसा इकट्ठा करने में मदद करता है। कुछ लोग इससे बनी राशि को सीधे अपने बिज़नेस में लगाते हैं और बड़ी ही आसानी से अपना बिज़नेस शुरू कर लेते हैं।
आज के समय में अगर किसी को कोई होटल या रेस्टोरेंट खोलना होता है तो कई लोग पहले घर से ही क्लाउड किचन या टिफ़िन सर्विस से शुरुआत करते हैं। फिर धीरे धीरे जब उनका क्लाउड किचन और उनके पकवान मशहूर होने लगते हैं तब वो एक रेस्टोरेंट या कार्ट खोल लेते हैं।
इससे उनको ज़्यादा खर्च भी नहीं करना पड़ा और और उनके पकवान भी लोगों द्वारा पसंद किया जाने लगा। फिर जब एक तय राशि इक्कठी हो गयी या लोन लेकर उन्होंने अपना रेस्टोरेंट खोल लिया।
आप भी इसी तरह से कोई न कोई साइड इनकम के माध्यम से पूँजी इकट्ठी कर सकते हैं। साइड इनकम के कुछ तरीके जानने के लिए हमारा आर्टिकल घर बैठे पैसे कमाने के 20 तरीके | 20 Ways to Earn Money from Home जरूर पढ़ें।
Assets बेचकर
कभी-कभी हमारे पास ऐसी चीज़ें होती हैं जिनका हम रोजमर्रा में इस्तेमाल नहीं करते। यदि आप उन वस्तुओं को बेचकर शुरुआत के लिए रकम जुटाते हैं, तो ये भी एक अच्छा तरीका हो सकता है।
लेकिन ध्यान रहे ये तभी करें जब आपको पूरा भरोसा हो कि आप सही योजना के साथ वापस वो चीज़ खरीद सकेंगे या उसकी जरूरत नहीं पड़ेगी। गलत फैसले से या अंदाजे से आगे चलकर आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए ये कदम सोच-विचार कर ही उठाना चाहिए।
जब आप पूरी तरह से तैयार हैं आपने बिज़नेस प्लानिंग कर ली है आपको पता है की आप शुरू कैसे करेंगे और बिज़नेस को बड़ा कैसे करेंगे तो ऐसी स्थिति में आप निम्न तरीके से पैसे इकठ्ठा कर सकते हैं।
- जमीन बेचकर या गिरवी रख कर
- म्यूच्यूअल फंड्स (Mutual Funds) या एफडी (FD) तुड़वाकर
- घर का कोई कीमती समान बेचकर या गिरवी रखकर
इन तरीकों से पैसों का इंतज़ाम बिलकुल न करें अगर आप अपने बिज़नेस को लेकर निश्चित नहीं हैं कि आपका बिज़नेस चलेगा या नहीं चलेगा। ऐसे स्थिति में आप अपना बहुत बड़ा नुक्सान कर सकते हैं।
बिज़नेस के लिए बैंक लोन कैसे प्राप्त करें?
जब किसी व्यक्ति को अपने बिज़नेस को बड़े पैमाने पर शुरू करना होता है, तो बैंक से लोन लेना एक सबसे भरोसेमंद तरीका है। बैंक से पैसा लेने का फायदा ये होता है कि आपको एक तय समय के लिए साफ नियमों के साथ लोन मिल जाता है, जिससे आप अपने बिज़नेस को बड़े पैमाने पर शुरू कर सकते हैं।
बैंक से लोन लेने का तरीका सुनने में थोड़ा मुश्किल जरूर लगता है, लेकिन जब आप इसकी प्रक्रिया को समझ लेते हैं, तो ये काफी आसान हो जाता है। आप बैंक से अपना बिज़नेस शुरू करने के लिए निम्न बताये गए लोन ले सकते हैं।
MSME Loan
MSME लोन खास तौर पर उन लोगों के लिए बनाया गया है जो लघु उद्योग शुरू करना चाहते हैं। ये लोन आपको बहुत ही कम ब्याज दर पर मिल सकता है, और इसकी प्रक्रिया भी ज्यादा जटिल नहीं होती।
इस लोन के तहत कई तरह के विकल्प मिलते हैं, जैसे कि मशीनरी खरीदने के लिए, दुकान तैयार करने के लिए और ऑपरेटिंग खर्च के लिए।
इसका सबसे अच्छा फायदा ये है कि सरकार भी कई बार इन लोन योजनाओं में सहयोग करती है, जिससे शर्तें और आसान हो जाती हैं। यदि आपका बिज़नेस MSME की केटेगरी में आता है, तो ये आपके बिज़नेस के लिए बहुत बढ़िया विकल्प बन सकता है।
Mudra Loan
Mudra Loan छोटे दुकानदारों, नये उद्यमियों और छोटे स्तर के बिज़नेस करने वाले लोगों के लिए बनाया गया है। ये भी आगे तीन प्रकार है जिन्हें Shishu, Kishor और Tarun कहा जाता है।
- Shishu उन लोगों के लिए है जो बिल्कुल शुरुआत कर रहे हैं।
- Kishor उन लोगों के लिए है जिनकी थोड़ी बहुत बिज़नेस में प्रगति हो चुकी है।
- Tarun उन लोगों के लिए है जो अपने बिज़नेस को आगे बढ़ाना चाहते हैं।
यह एक कोलेट्रल फ्री लोन है यानि की आपको मुद्रा लोन लेने के लिए आपको न तो कोई गारंटर चाहिए और न आपको किसी प्रकार की संपत्ति को गिरवी रखना है।
आप बैंक, NBFCs, MFI आदि में जाकर अपना बिज़नेस प्लान, अन्य जरुरी डॉक्यूमेंट और एप्लीकेशन फॉर्म सबमिट करना है। यदि आपका बिज़नेस प्लान स्वीकार कर लिया जाता है तब आपको मुद्रा लोन मिल सकता है।
Working Capital Loan
Working Capital Loan वह लोन है जो बिज़नेस के रोज़मर्रा के खर्च चलाने के लिए लिया जाता है। ये लोन उन खर्चों को कवर करने में मदद करता है जो बिज़नेस को हर महीने चलते रहने के लिए बेहद ज़रूरी होते हैं, भले ही उस समय आपकी सेल्स कम हों या कैश फ्लो धीमा हो।
इसे आसान शब्दों में समझें तो ये लोन तब आपके काम आ सकता है जब आपके पास
- ग्राहक का पेमेंट देर से आ रहा हो
- सीज़नल बिज़नेस हो
- अचानक बड़ा ऑर्डर मिल गया हो
- या बिज़नेस को रोज़ चलाने के लिए कैश कम पड़ रहा हो
Overdraft
Overdraft एक बैंक द्वारा प्रदान की जाने वाली ऐसी सुविधा है जिसमें आप अपने बैंक अकाउंट में जितने पैसे हैं, उससे ज़्यादा पैसे निकाल सकते हैं। यानी बैंक आपको एक सीमा (Limit) तक अकाउंट को माइनस में ले जाने की अनुमति देता है। ये सुविधा बिज़नेस को बिना रुकावट चलाने में मदद करती है।
यह ऐसे काम करता है जैसे मान लीजिये आपको बैंक द्वारा 2 लाख की Overdraft लिमिट मिली हुई है। आपका बैंक बैलेंस 0 हो जाता है तब भी आप 2 लाख रुपए तक निकाल सकते हैं।
Loan Eligibility, CIBIL Score और Documents
जब आप बैंक से लोन लेते हैं, तो बैंक कुछ जरूरी बातें चेक करता है। यह इसलिए कि बैंक को आपके ऊपर भरोसा हो सके कि आप लोन समय पर वापस कर देंगे।
1) CIBIL Score क्यों देखा जाता है?
CIBIL Score बताता है कि आपने पहले जो भी लोन लिए थे, उन्हें आपने समय पर चुकाया या फिर नहीं।
- अगर आपका स्कोर अच्छा है, तो बैंक को लगता है कि आप जिम्मेदार हैं और लोन वापस कर देंगे।
- स्कोर कम हो तो बैंक लोन देने से मना कर देते हैं या अगर लोन मिलता भी है तो उसका ब्याज ज्यादा होता है।
2) Documents क्यों जरूरी होते हैं?
लोन देने से पहले बैंक आपकी पहचान और आपकी आमदनी की स्थिति जानने के लिए कुछ जरुरी डाक्यूमेंट्स मांगता है जैसे –
- पहचान पत्र (ID Proof)
- पते का प्रमाण (Address Proof)
- बैंक स्टेटमेंट
- आपके काम / बिज़नेस की जानकारी
NBFC और Microfinance से बिज़नेस लोन कैसे मिलता है? (Easy Options)
हर कोई बैंक से लोन नहीं ले पाता। कभी डाक्यूमेंट्स पूरे नहीं होते, कभी CIBIL स्कोर कम होता है और कभी प्रक्रिया समझ में नहीं आती। ऐसे समय में NBFC, Microfinance और SHG जैसे विकल्प बहुत काम आते हैं।
ये संस्थाएं बैंक की तुलना में आसान प्रक्रिया अपनाती हैं और छोटे कारोबारियों को बहुत आसानी से लोन दे देती हैं। आईये अब आपको बताते हैं NBFC, Microfinance और SHG क्या होता है।
NBFC Business Loans
NBFC यानी Non-Banking Financial Company ऐसे संस्थान होते हैं जो बैंक की तरह ही लोन देते हैं, लेकिन उनकी प्रक्रिया थोड़ी आसान होती है। कई बार NBFC उन लोगों को भी लोन दे देते हैं जिन्हें बैंक मंजूरी नहीं देते।
इन संस्थानों से लोन लेने पर ब्याज दरें कुछ अधिक हो सकती हैं, लेकिन सुविधा ये रहती है कि आपको लोन जल्दी मिल जाता है। NBFC उन लोगों के लिए बेहतर विकल्प बन जाते हैं जिन्हें तुरंत पैसा चाहिए और जिनके पास सभी आवश्यक कागज़ नहीं होते।
Microfinance Institutions छोटे उद्यमियों की कैसे मदद करती हैं
Microfinance संस्थान बहुत छोटे व्यवसायों को सहायता देती हैं, खासकर उन लोगों को जो गांवों या छोटे कस्बों में काम शुरू करना चाहते हैं। इन जगहों पर बैंक शाखाएँ कम होती हैं, इसलिए Microfinance संस्थान लोगों तक पहुँच बनाते हैं।
इनका लोन आमतौर पर छोटी राशि का होता है जिसे आसानी से वापस किया जा सकता है। प्रक्रिया सरल होती है जो लोग पहली बार छोटा काम शुरू कर रहे हों, उनके लिए ये बहुत उपयोगी तरीका हो सकता है।
Cooperative Credit Societies का उपयोग कैसे किया जाता है
Cooperative Credit Societies ऐसे समूह होते हैं जिन्हें आस पड़ोस के लोग मिलकर बनाते हैं। इनमें सदस्यता लेने के बाद आप जरुरत पड़ने पर या व्यवसाय शुरू करने के लिए छोटी राशि प्राप्त कर सकते हैं।
इनकी प्रक्रिया बहुत ही आसान होती है और सदस्य होने पर पैसे मिलना काफी आसान हो जाता है। कई गाँव आदि के क्षेत्रों में ये सबसे भरोसेमंद विकल्प माना जाता है।
इन सभी विकल्पों के फायदे और नुकसान क्या होते हैं
NBFC, Microfinance और Cooperative Credit Society जैसे विकल्प एक ओर लोन प्रक्रिया को सरल बनाते हैं, लेकिन इनके कुछ पहलू ध्यान में रखना जरूरी है।
इन विकल्पों में ब्याज दरें कभी-कभी अधिक हो सकती हैं, इसलिए आप जितनी राशि ले रहे हों, उसके हिसाब से चुकाने की क्षमता का अंदाज़ा जरूर लगाना चाहिए। डाक्यूमेंट्स कम होने से सुविधा मिलती है, लेकिन जिम्मेदारी वही रहती है कि समय पर भुगतान किया जाए।
फिर भी, शुरुआती स्तर पर इन विकल्पों से पैसे प्राप्त करना कई लोगों के लिए काफी मददगार साबित होता है और बैंक के मुकाबले आसान और तेज होता है।
2026 की Best Government Schemes जिनसे बिज़नेस के लिए फंडिंग मिलती है
भारत सरकार ने छोटे कारोबारियों, नए उद्यमियों, दुकानदारों और महिलाओं को बिज़नेस शुरू करने में मदद देने के लिए कई योजनाएँ चलाई हैं। इन योजनाओं की खास बात ये है कि इनमें कम ब्याज पर लोन मिल जाता है, कई बार बिना जमानत पैसा मिलता है, और कुछ योजनाओं में सरकार थोड़ी राशि माफ भी कर देती है या सब्सिडी दे देती है।
इन सरकारी योजनाओं को अच्छी तरह समझ लेने से फंडिंग पाना बहुत आसान हो जाता है, क्योंकि इनका उद्देश्य ही ये है कि कोई भी व्यक्ति पैसों की कमी की वजह से बिज़नेस शुरू करने से पीछे न रह जाए।
आईये जानते हैं भारत सरकार की किस किस योजना के तहत आपको बिज़नेस शुरू करने के लिए लोन मिल सकता है।
PMEGP – अपना छोटा उद्योग शुरू करने वालों के लिए बेहतरीन योजना
PMEGP यानी Prime Minister’s Employment Generation Programme उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी है जो नया कारखाना, दुकान या सर्विस बिज़नेस शुरू करना चाहते हैं। इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि सरकार प्रोजेक्ट की कुल लागत का 15% से 35% तक सब्सिडी देती है। यह राशि आपको कभी वापस नहीं करनी होती। बाकी पैसा आपको बैंक लोन के रूप में मिलता है।
कौन ले सकता है?
कोई भी व्यक्ति जिसकी उम्र 18 साल से ऊपर है और जो पहली बार अपना बिज़नेस शुरू कर रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों को सब्सिडी थोड़ी ज्यादा मिलती है। अगर आपके दस्तावेज पूरे हैं तो यह योजना आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है।
PM Mudra Yojana – सबसे तेज़ और सबसे लोकप्रिय लोन योजना
मुद्रा लोन आज देश में सबसे ज्यादा लिया जाने वाला लोन है क्योंकि यह जल्दी मिलता है और इसमें कागजी प्रक्रिया बहुत कम है। इसमें तीन तरह के लोन दिए जाते हैं:
- शिशु लोन: ₹50,000 तक (बिल्कुल नए बिज़नेस शुरू करने वालों के लिए)
- किशोर लोन: ₹5 लाख तक (जिनका काम थोड़ा आगे बढ़ चुका है)
- तरुण लोन: ₹20 लाख तक (बिज़नेस को बड़ा करना चाहते हैं)
इस योजना की खास बात यह है कि लोन बिना किसी जमानत के मिलता है और बैंक आमतौर पर 7-10 दिन में पैसा खाते में डाल देते हैं। दुकानदार, किराना स्टोर, कपड़े का बिज़नेस, ब्यूटी पार्लर – लगभग सभी छोटे कारोबारियों के लिए यह बढ़िया विकल्प है।
Stand-Up India – महिलाओं और SC/ST समुदाय के लिए बड़ा मौका
Stand-Up India योजना खासतौर पर महिलाओं और SC-ST समुदाय के लोगों के लिए बनाई गई है। इस योजना के तहत ₹10 लाख से ₹1 करोड़ तक का लोन मिलता है, वह भी नए बिज़नेस (ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट) शुरू करने के लिए।
बहुत सी महिलाएँ इसी योजना की मदद से अपना पार्लर, बुटीक, फूड प्रोसेसिंग यूनिट या अन्य बिज़नेस शुरू कर चुकी हैं और कर रही हैं। बैंक भी इस योजना के तहत लोन आसानी से मंजूर कर देते हैं।
CGTMSE – बिना जमानत के बड़ा लोन चाहिए तो यह सबसे अच्छा विकल्प है
अगर आपको ₹50 लाख से लेकर ₹1- 2 करोड़ तक का लोन चाहिए और आपके पास गिरवी रखने के लिए कोई संपत्ति नहीं है, तो CGTMSE योजना आपकी मदद करती है। इस योजना में सरकार बैंक को गारंटी देती है, जिसकी वजह से बैंक बिना जमानत (Collateral) के भी बड़ा लोन दे देते हैं।
छोटा मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाना हो, मशीनरी खरीदनी हो या अपना कारखाना बढ़ाना हो इन सभी जरूरतों के लिए CGTMSE सबसे बेहतर विकल्प है।
PM SVANidhi – ठेले, खोमचे और छोटी दुकानों वालों के लिए खास योजना
PM SVANidhi उन लोगों के लिए है जो सड़क किनारे ठेला लगाते हैं, सब्जी-फल बेचते हैं, चाय की रेहड़ी चलाते हैं, मोची या नाई का काम करते हैं।
इस योजना में पहले ₹10,000 का लोन मिलता है, फिर अच्छी भुगतान हिस्ट्री होने पर ₹20,000 और आगे चलकर ₹50,000 तक लोन मिल सकता है। समय पर किस्त भरने पर ब्याज में 7% तक की छूट भी मिलती है। लाखों छोटे विक्रेता इस योजना से अपना काम बढ़ा चुके हैं।
राज्य सरकार की योजनाएँ
हर राज्य अपने स्तर पर अलग-अलग बिज़नेस सपोर्ट योजनाएँ चलाता है। जैसे –
- उत्तर प्रदेश में ODOP के तहत लोन पर अतिरिक्त सब्सिडी
- गुजरात और महाराष्ट्र में ब्याज दर पर 5–7% तक सब्सिडी
- तमिलनाडु और कर्नाटक में महिलाओं के लिए अलग से ग्रांट
इन योजनाओं की जानकारी आपको जिला उद्योग केंद्र (DIC), राज्य की MSME वेबसाइट या स्थानीय सरकारी दफ्तर से मिल सकती है। अक्सर लोग इन योजनाओं के बारे में पता ही नहीं करते और बड़ा फायदा हाथ से निकल जाता है। सही जानकारी मिलने पर ये योजनाएँ आपके बिज़नेस की शुरुआत को बहुत आसान बना देती हैं।
Digital और Instant Business Funding क्या है? (2026 की नई Online Loans Guide)
आज के समय में मोबाइल और इंटरनेट ने पैसे का इंतज़ाम करना पहले की तुलना में बेहद आसान बना दिया है। अब कई ऐसी डिजिटल सेवाएँ मौजूद हैं जिनसे कोई भी व्यक्ति घर बैठे कुछ ही मिनटों में बिज़नेस के लिए लोन ले सकता है। इन तरीकों का फायदा ये है कि डाक्यूमेंट्स़ कम लगते हैं, प्रक्रिया जल्दी होती है और कई बार बैंक जाने की भी जरूरत नहीं पड़ती।
अगर किसी को तुरंत पैसे की जरूरत हो, या छोटा कारोबार शुरू करने के लिए थोड़ी सी राशि चाहिए हो, तो डिजिटल funding बहुत अच्छा विकल्प बन सकती है। आईये इन तरीकों के बारे में जानते हैं।
Online Business Loan
Online business loan उन लोगों के लिए बनाया गया है जिन्हें छोटी या मध्यम राशि की जरूरत होती है और जो पूरी प्रक्रिया को जल्दी पूरा करना चाहते हैं। इसमें आपको किसी बैंक शाखा तक जाने की जरूरत नहीं होती। आप मोबाइल या कंप्यूटर से आवेदन कर सकते हैं।
इसमें कुछ बुनियादी जानकारी और कुछ डाक्यूमेंट्स़ अपलोड करने पड़ते हैं। कंपनी आपके डिटेल्स की जांच करती है और अगर सब ठीक रहा तो लोन जल्दी मिल जाता है। ये तरीका उन लोगों के लिए उपयोगी है जिन्हें तुरंत पैसा चाहिए होता है और जो समय बचाना चाहते हैं।
Instant Working Capital Loan
जब बिज़नेस चल रहा हो और अचानक कुछ अतिरिक्त खर्च सामने आ जाए, तब Instant Working Capital Loan बहुत मदद करता है। ये लोन काफी जल्दी मिल जाता है और आपको अपने दिन-प्रतिदिन के कामों को रोके बिना आगे बढ़ने में सहायता करता है।
इसका फायदा ये है कि आप जरूरत के समय पैसा प्राप्त कर लेते हैं और बाद में उसे आसानी से वापस कर सकते हैं। कई लोग इसे ऑनलाइन माध्यम से कुछ ही घंटों में प्राप्त कर लेते हैं।
Peer-to-Peer Lending क्या है और कैसे मदद करता है
Peer-to-Peer यानी P2P lending एक ऐसा तरीका है जिसमें पैसा सीधे उन लोगों से मिलता है जो निवेश करना चाहते हैं। ये तरीका एक ऑनलाइन मंच के जरिए चलता है।
इसमें आप अपनी जरूरत बताते हैं, और किसी निवेशक को अगर आपकी योजना सही लगे तो वह आपको राशि उपलब्ध करा देता है। ये तरीका इसलिए लोकप्रिय हो रहा है क्योंकि इसमें प्रक्रिया सरल होती है और छोटी राशि भी आसानी से मिल जाती है।
Crowdfunding कैसे बिज़नेस को शुरुआत दिलाता है
Crowdfunding एक ऐसा तरीका है जिसमें कई लोग मिलकर किसी एक व्यक्ति की मदद करते हैं। इसमें तीन तरह के मॉडल होते हैं –
- Donation आधारित
- Reward आधारित
- Equity आधारित
Donation मॉडल में लोग आपकी मदद बिना किसी लाभ के करते हैं। Reward मॉडल में आप उन्हें कोई छोटा सा उपहार देते हैं। Equity मॉडल में आप अपने बिज़नेस का थोड़ा हिस्सा उन्हें देते हैं। ये तरीका खासतौर पर उन लोगों के लिए उपयोगी है जिनका आइडिया नया है और वे उसे लोगों तक पहुंचाकर समर्थन पाना चाहते हैं।
Digital funding कब उपयोगी होती है और कब नहीं
Digital funding की खासियत ये है कि ये जल्दी मिल जाती है और प्रक्रिया सरल होती है। छोटे कारोबारियों को इससे बहुत सहायता मिलती है।
हालाँकि, कई बार इसकी ब्याज दरें थोड़ी अधिक हो सकती हैं। इसलिए ये जरूरी है कि आप उतना ही लोन लें जितना आपकी जरूरत में आए और जिसे आप बिना परेशानी वापस कर सकें।
अगर आप समझदारी से उपयोग करते हैं, तो digital funding आपके बिज़नेस को शुरू करने या बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभा सकती है।
Scalable बिज़नेस के लिए Startup Funding कैसे पाएं? (Angel, VC, Incubator Guide)
कुछ बिज़नेस ऐसे होते हैं जिन्हें छोटा रखते हुए भी आगे चलकर बहुत बड़ा बनाया जा सकता है। इन्हें स्केलेबल बिज़नेस कहा जाता है। ऐसे बिज़नेस में समय के साथ अधिक ग्राहक जुड़ते जाते हैं और बिज़नेस बढ़ता जाता है। इस तरह के बिज़नेस को शुरू करने और आगे बढ़ाने के लिए सामान्य फंडिंग की बजाय विशेष प्रकार की सहायता मिलती है जिसे Startup Funding कहा जाता है।
Startup Funding उन लोगों के लिए होती है जिनकी सोच नई होती है और जो अपने विचार को एक बड़े स्तर तक ले जाना चाहते हैं।
आईये जानते हैं आप अपने स्टार्टअप के लिए कहाँ कहाँ से लोन ले सकते हैं।
Angel Investors कौन होते हैं और कैसे मदद करते हैं
Angel Investors वे लोग होते हैं जो नए उद्यमियों में पैसा लगाते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि ये नया बिज़नेस आगे चलकर बहुत अच्छा कर सकता है। ये लोग आमतौर पर अनुभवी व्यवसायी या निवेशक होते हैं।
Angel Investor सिर्फ पैसा ही नहीं देते, बल्कि अपने अनुभव से मार्गदर्शन भी करते हैं। वे उद्यमी की योजना को समझते हैं और अगर उन्हें लगता है कि आइडिया सफल हो सकता है, तो वे शुरुआती चरण में सहायता करते हैं। ये मदद उस समय बहुत काम आती है जब बिज़नेस में अभी आय नहीं बन पाई होती।
Venture Capital क्या होता है और किस तरह सहायता देता है
Venture Capital यानी VC फंड बड़े स्तर पर पैसा लगाने वाली निवेश संस्थाएँ होती हैं। वे उन्हीं बिज़नेस में निवेश करती हैं जिनमें तेजी से बढ़ने की क्षमता देखकर उन्हें लगता है कि कंपनी भविष्य में बहुत बड़ा नाम बन सकती है।
VC फंडिंग मिलने पर बिज़नेस को एक साथ बड़ी राशि मिल जाती है जिससे वह तेजी से विस्तार कर सकता है। हालांकि, ये फंडिंग उन्हीं को मिलती है जिनकी योजना मजबूत होती है और जिनका लक्ष्य बहुत बड़ा होता है।
Incubators और Accelerators कैसे स्टार्टअप को आगे बढ़ाते हैं
Incubator और Accelerator दो ऐसे कार्यक्रम होते हैं जो नए उद्यमियों को न केवल पैसा देते हैं बल्कि उन्हें सिखाते भी हैं कि बिज़नेस को कैसे आगे ले जाना चाहिए।
Incubator वह जगह होती है जहाँ आपको शुरुआत करने में मदद मिलती है, प्रशिक्षण मिलता है और बिज़नेस को पहले स्तर पर ले जाने के लिए सलाह मिलती है।
Accelerator वह कार्यक्रम होता है जिसमें पहले से चल रहे बिज़नेस को तेजी से आगे बढ़ाने का तरीका सिखाया जाता है। उन्हें थोड़ी राशि के साथ विशेषज्ञों का मार्गदर्शन भी मिलता है।
इन कार्यक्रमों से उद्यमी कई महत्वपूर्ण चीजें सीखते हैं जैसे टीम बनाना, ग्राहकों को समझना और बिज़नेस को बढ़ाने की रणनीति तैयार करना।
Pitch Deck क्या होता है और इसमें क्या शामिल होना चाहिए
Pitch Deck एक छोटी प्रस्तुति होती है जिसमें आप अपने बिज़नेस का पूरा विचार सरल शब्दों में समझाते हैं। इसमें ये बताया जाता है कि आपका उत्पाद क्या करता है, किस समस्या को हल करता है, कितने लोग उसे उपयोग करेंगे, और इससे पैसा कैसे कमाया जाएगा।
Pitch Deck में साफ-साफ बातें लिखी जाती हैं ताकि निवेशक समझ सकें कि आपका आइडिया कितना मजबूत है। ये प्रस्तुति जितनी स्पष्ट होती है, निवेश मिलने की संभावना उतनी ही अधिक होती है।
Investor किन बातों को देखकर फैसला लेते हैं
जब कोई निवेशक किसी स्टार्टअप को देखता है तो वह केवल आइडिया ही नहीं देखता। वह ये भी देखता है कि टीम कितनी मेहनती है, बिज़नेस कितने लोगों की समस्या दूर कर सकता है, और उसकी आय आगे चलकर कितनी बढ़ सकती है।
निवेशक ये भी देखते हैं कि उद्यमी अपने काम को कितनी गंभीरता से करता है और क्या उसके पास आगे बढ़ने का स्पष्ट पैटर्न है। अगर उन्हें ये सब सही लगता है, तभी वे पैसा लगाने के लिए तैयार होते हैं।
बिना पैसे के बिज़नेस कैसे शुरू करें? (Zero Investment Business Funding)
बहुत लोग सोचते हैं कि बिज़नेस शुरू करने के लिए सबसे पहले पैसा चाहिए, लेकिन कई बार ऐसा नहीं होता। अगर आपके पास अच्छी कौशल है, मेहनत करने की आदत है और आप किसी काम को सही तरीके से कर सकते हैं, तो आप बिना पैसे के भी बिज़नेस शुरू कर सकते हैं। इस तरह की शुरुआत में पैसा किसी और से आता है और आप अपने ज्ञान या समय के बदले उस बिज़नेस में हिस्सा लेते हैं।
ये तरीका खासकर उन लोगों के लिए उपयोगी है जो काम तो करना चाहते हैं, लेकिन उनके पास शुरूआती रकम नहीं होती। आईये जानते हैं ऐसे वो कौनसे तरीके हैं जिनके माध्यम से बिना पैसे के भी बिज़नेस शुरू करना संभव है।
Equity Partnership कैसे काम करती है
Equity Partnership का मतलब है कि आप अपने कौशल या मेहनत के बदले बिज़नेस में हिस्सा लेते हैं। मान लीजिए किसी व्यक्ति के पास पैसा तो है लेकिन काम करने का समय या जानकारी कम है, और आपके पास कौशल है लेकिन पैसा नहीं। ऐसे में आप दोनों मिलकर भागीदारी कर सकते हैं।
इस तरह आप बिज़नेस में मालिकाना हिस्सा प्राप्त कर लेते हैं और आगे चलकर होने वाला फायदा आपके हिस्से के अनुसार बाँटा जाता है। ये तरीका उन लोगों के लिए बहुत अच्छा है जिन्हें पैसे की जगह बुद्धि और कौशल पर भरोसा है।
Joint Venture कैसे शुरुआत करवाता है
Joint Venture में दो या दो से ज्यादा लोग मिलकर बिज़नेस शुरू करते हैं। कोई एक व्यक्ति पैसा लगाता है और दूसरा व्यक्ति काम संभालता है। इस तरह दोनों मिलकर एक ऐसा टीम बनाते हैं जिसमें हर व्यक्ति का योगदान अलग-अलग होता है।
इसमें काम बांटा जाता है और हर व्यक्ति उसकी जिम्मेदारी निभाता है। ये व्यवस्था उन लोगों के लिए अच्छी होती है जिनके पास आइडिया तो है लेकिन उसे अकेले शुरू करने के लिए आवश्यक साधन नहीं हैं।
Profit-Sharing Model कैसे सरल बनाता है शुरुआत
Profit-Sharing Model में पैसा शुरू में किसी और का होता है और आप उसके बदले अपनी मेहनत देते हैं। जब बिज़नेस चलने लगता है और मुनाफा आता है, तो आप और निवेश करने वाला व्यक्ति उस मुनाफे को आपस में बाँट लेते हैं।
इस तरह किसी व्यक्ति को शुरुआती पैसे की फिक्र नहीं करनी पड़ती और उसे सिर्फ काम पर ध्यान देना होता है। ये मॉडल छोटे स्तर पर सबसे आसान माना जाता है क्योंकि इसमें कम नियम होते हैं और भरोसे के आधार पर काम किया जाता है।
Investor-cum-Partner कैसे मदद करता है
कई बार एक ही व्यक्ति पैसा भी लगाता है और बिज़नेस में शामिल होकर सलाह भी देता है। उसे Investor-cum-Partner कहा जाता है।
ये तरीका बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि ऐसे व्यक्ति के पास अनुभव भी होता है और वह बिज़नेस चलाने में आपका मार्गदर्शन करता रहता है। इसमें आप अकेले नहीं होते क्योंकि निर्णय लेने में कोई मदद करने वाला भी होता है।
Silent Partner Model किसके लिए सही होता है
Silent Partner वह होता है जो पैसा तो लगाता है लेकिन दिन-प्रतिदिन के काम में शामिल नहीं होता। वह केवल निवेश करता है और मुनाफे में अपना हिस्सा लेता है।
ये तरीका उन लोगों के लिए अच्छा होता है जो काम करना जानते हैं लेकिन पैसा नहीं लगा सकते। इस मॉडल में आपको केवल काम संभालना होता है और निवेशक अपनी तरफ से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराता है।
लेकिन यदि आप खुद से ही कुछ न कुछ शुरू करना चाहते हैं और ऐसा कुछ शुरू करना चाहते हैं जिसमे लागत कम से कम आये तो आप धूप बत्ती बिज़नेस, नूडल बनाने का बिज़नेस, पानी पूरी बिज़नेस, वाइपर बनाने का बिज़नेस, रुई की बाती बनाने का बिज़नेस, वर्मी कम्पोस्ट बनाने आदि बिज़नेस में से कोई भी बिज़नेस शुरू कर सकते हैं।
Manufacturing और Trading बिज़नेस के लिए Best Funding Options
Manufacturing या trading बिज़नेस में सबसे बड़ी जरूरत माल खरीदने, मशीन लगाने या तैयार सामान बनाने में आती है। इन कामों के लिए लगातार पैसे की आवश्यकता होती है। कई बार लोग शुरुआत तो कर देते हैं, लेकिन बीच में माल खरीदने के लिए पैसे कम पड़ जाते हैं। ऐसी स्थिति में कुछ खास प्रकार के फंडिंग विकल्प बहुत मदद करते हैं।
ये तरीके सामान्य बिज़नेस लोन से अलग होते हैं क्योंकि इन्हें खास तौर पर उन जरूरतों के लिए बनाया गया है जहाँ बार-बार पैसा लगाना पड़ता है या जहां बिज़नेस का सामान ही पैसे की जगह काम आता है। आईये इन तरीकों के बारे में जानते हैं।
Invoice Financing कैसे कारोबार की रफ्तार बढ़ाता है
Invoice Financing एक ऐसा तरीका है जिसमें आप अपना बकाया पैसा तुरंत प्राप्त कर लेते हैं। उदाहरण के लिए, आपने किसी ग्राहक को सामान बेचा है लेकिन वह आपको भुगतान बाद में करेगा। ऐसे में काम रोकने की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि बैंक या वित्तीय संस्था उस बाकी राशि के बदले आपको तुरंत पैसे दे देती है।
इससे आपकी नकदी की समस्या दूर होती है और आप लगातार माल बना सकते हैं या खरीद सकते हैं। बाद में जब ग्राहक आपको भुगतान कर देता है, तो वह राशि संस्था को दे दी जाती है। ये तरीका उन कारोबारियों के लिए बहुत फायदेमंद है जिनके पास ग्राहक तो हैं, लेकिन भुगतान मिलने में समय लगता है।
Equipment या Machinery Loan कैसे मदद करता है
Manufacturing बिज़नेस में मशीनें सबसे जरूरी हिस्सा होती हैं। कई बार मशीनें महंगी होने के कारण लोग शुरुआत नहीं कर पाते। Equipment Loan इसी समस्या का समाधान देता है।
इस लोन में आपको मशीन खरीदने के लिए पैसा मिलता है, और वह मशीन ही आपके लोन की सुरक्षा बन जाती है। इसके कारण आपको ज्यादा डाक्यूमेंट्स या जमानत देने की जरूरत नहीं पड़ती।
इस तरह आप आसानी से अपने कारखाने या यूनिट में मशीन लगाकर काम शुरू कर सकते हैं और धीरे-धीरे लोन चुका सकते हैं। ये तरीका नए उद्योग शुरू करने वालों के लिए बहुत उपयोगी होता है।
Inventory Credit व्यापारियों के लिए कैसे फायदेमंद होता है
Inventory Credit उन लोगों को दिया जाता है जो ट्रेडिंग या होलसेल बिज़नेस करते हैं और जिनके पास माल की मात्रा अधिक होती है। इस प्रकार के क्रेडिट में आपका माल ही फंडिंग का आधार बन जाता है। यानी आपके पास जितना सामान रखा होता है, उसकी कीमत के अनुसार आपको पैसे मिल सकते हैं।
इससे आपको नया माल खरीदने में परेशानी नहीं होती और आप बिना रुकावट लगातार बिक्री कर सकते हैं। ये तरीका उन कारोबारियों के लिए सही है जिन्हें सीजन के दौरान एक साथ ज्यादा माल खरीदना होता है।
Warehouse Financing कैसे काम करता है
Warehouse Financing उन व्यवसायों के लिए बनाया गया है जहाँ तैयार माल या कच्चा माल बड़ी मात्रा में रखा जाता है। इसमें बैंक आपके वेयरहाउस में रखे सामान का मूल्य देखकर आपको पैसा देता है।
आप चाहे गेहूं का स्टॉक रखते हों, कपड़ा रखते हों, इलेक्ट्रॉनिक आइटम रखते हों या किसी भी प्रकार का उत्पाद, बैंक उसी के आधार पर आपको लोन प्रदान कर देता है। इस सुविधा से कारोबारी को अचानक पैसे की कमी होने पर भी चिंता नहीं होती क्योंकि उसका रखा हुआ सामान ही उसकी ताकत बन जाता है।
Gold Loan का उपयोग बिज़नेस में कैसे किया जा सकता है
Gold Loan एक आसान और जल्दी मिलने वाला तरीका है। इसमें आप अपने पास रखा सोना संस्था के पास गिरवी रखते हैं और उसके बदले आपको तुरंत पैसे मिल जाते हैं।
कई छोटे कारोबारियों के लिए ये बहुत मददगार होता है क्योंकि उन्हें किसी अन्य डाक्यूमेंट्स या जमानत की जरूरत नहीं पड़ती। सोना सुरक्षित रहता है और जैसे ही आप लोन चुका देते हैं, वह वापस कर दिया जाता है।
इससे आप अचानक आने वाली जरूरतों को पूरा कर सकते हैं और बिज़नेस को बिना रुके आगे बढ़ा सकते हैं।
बिज़नेस लोन या Funding लेते समय Fraud और High-Interest Traps से कैसे बचें?
जब कोई व्यक्ति बिज़नेस शुरू करने के लिए पैसे की तलाश में होता है तो कई गलत विकल्प सामने आते हैं। कुछ लोग जल्दी पैसा मिलने के लालच में गलत जगह से लोन ले लेते हैं और बाद में उनका पूरा बिज़नेस खतरे में पड़ जाता है।
इसीलिए ये जानना जरूरी है कि किन बातों से बचना चाहिए, किस तरह की लोन कंपनियाँ भरोसेमंद नहीं होतीं और कैसे पता लगाया जाए कि कोई ऑफर असली है या नकली।
Fake Agents से कैसे बचें
कई बार कुछ लोग एजेंट बनकर लोन दिलाने का दावा करते हैं। वे कहते हैं कि उनकी पहचान बैंक से है और वे जल्दी लोन दिला देंगे, लेकिन वे केवल आपकी जानकारी या पैसे लेने की कोशिश करते हैं।
अगर कोई व्यक्ति आपसे पहले फीस मांगता है या आपसे डाक्यूमेंट्स़ कॉपी तुरंत भेजने के लिए दबाव बनाता है, तो वह भरोसेमंद नहीं होता। हमेशा बैंक की शाखा या उसकी आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के माध्यम से ही प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। किसी निजी व्यक्ति पर बिना जांच के भरोसा करना बड़ा जोखिम होता है।
High-Interest Loan Apps से कैसे दूर रहें
आजकल मोबाइल पर कई ऐप्स लोन देने का दावा करती हैं, लेकिन उनमें से कुछ बहुत ज्यादा ब्याज लेती हैं। कई ऐप्स छिपे हुए चार्ज जोड़ देती हैं या समय पर भुगतान न होने पर गैरकानूनी तरीके से परेशान करती हैं।
अगर कोई ऐप कुछ ही मिनटों में लोन दे देने की बात करे और डाक्यूमेंट्स़ बहुत कम मांगे, तो उसके नियमों को ध्यान से पढ़ना जरूरी है। हमेशा उन्हीं ऐप्स का उपयोग करें जो सरकार द्वारा प्रमाणित हों या जिनकी जानकारी बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध हो।
Hidden Charges को कैसे पहचानें
कई लोन ऐसे होते हैं जिनमें ब्याज तो कम दिखाया जाता है, लेकिन असली खर्च दूसरे नामों में जोड़ दिया जाता है। इसमें प्रोसेसिंग फीस, फाइल ओपनिंग चार्ज, सर्विस शुल्क या अन्य शुल्क शामिल हो सकते हैं।
लोन लेने से पहले ये आवश्यक है कि आप सभी शुल्कों की पूरी सूची मांगें। अगर कोई संस्था स्पष्ट जानकारी न दे या बातों को टालने लगे, तो उसके साथ आगे बढ़ना ठीक नहीं होता।
गलत डाक्यूमेंट्स देने से क्यों बचना चाहिए
कभी-कभी लोग जल्दी लोन पाने के लिए गलत डाक्यूमेंट्स दे देते हैं। ऐसा करने से आगे चलकर बड़ी परेशानी आ सकती है। गलत जानकारी देने पर लोन अस्वीकार भी हो सकता है और कानूनी दिक्कतें भी पैदा हो सकती हैं।
बैंक या किसी भी संस्था को हमेशा वही जानकारी दें जो बिल्कुल सही हो। सही जानकारी देने पर आपको भरोसा भी मिलता है और प्रक्रिया भी सुचारू रूप से आगे बढ़ती है।
Over-Borrowing यानी जरूरत से ज्यादा लोन का खतरा
कई लोग शुरुआत में उत्साह में आकर जरूरत से ज्यादा लोन ले लेते हैं। शुरुआत में ये आसान लगता है, लेकिन बाद में EMI भरना मुश्किल हो जाता है और बिज़नेस पर दबाव बढ़ता है।
लोन हमेशा उतना ही लें जितनी वास्तव में जरूरत हो और जिसे वापस करने की क्षमता हो। कम लोन से शुरुआत करना और बाद में धीरे-धीरे बढ़ाना एक सुरक्षित और समझदारी भरा कदम होता है।
Safe Borrowing Checklist कैसे मदद करती है
लोन लेने से पहले एक छोटी सी सूची आपका बहुत सहारा बन सकती है। इस सूची में शामिल हो सकते हैं
- लोन देने वाली संस्था भरोसेमंद है या नहीं, यह अच्छी तरह जांच लें
- सभी फीस और चार्ज की पूरी लिस्ट पहले ही ले लें
- ब्याज दर और कुल चुकाने वाली रकम ठीक से समझ लें
- अपनी कमाई देखकर यह तय करें कि आप आराम से किस्त दे पाएंगे या नहीं
- किस्त कब से शुरू होगी और कितनी होगी, यह पहले से पूछ लें
- जरूरी डॉक्यूमेंट्स पहले से तैयार और सही रखें
- अगर जमानत की जरूरत है तो उसकी शर्तें साफ-साफ समझ लें
- लोन एग्रीमेंट की छोटी-छोटी शर्तें भी ध्यान से पढ़ें
- किसी मौखिक वादे पर भरोसा न करें, सबकुछ लिखित में लें
- जरूरत पड़े तो किसी अनुभवी व्यक्ति से सलाह लेकर ही फैसला करें
इस तरह आप हर कदम को सोच-समझकर उठाते हैं और किसी भी गलत जाल में नहीं फँसते।
Funding मिलने के बाद पैसा कैसे Manage करें? (First 6 Months Plan)
लोन या फंडिंग मिल जाने के बाद असली काम शुरू होता है। कई लोग शुरुआत में उत्साह में आकर पैसों का गलत उपयोग कर देते हैं और बाद में उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
अगर आप शुरू से ही पैसा सही तरह से संभाल लेते हैं, तो आपका बिज़नेस बिना रुकावट और शांत गति से आगे बढ़ता रहता है। नीचे हमने बताया है कि शुरुआती छह महीनों में कौन-कौन सी चीज़ें सबसे ज्यादा ध्यान में रखनी चाहिए ताकि आपका बिज़नेस मजबूत नींव पर खड़ा हो सके।
Cash Flow Management क्यों सबसे जरूरी होता है
Cash Flow का मतलब है कि आपके बिज़नेस में पैसे कैसे आ रहे हैं और कौन-कौन से कामों में जा रहे हैं। अगर ये चीज साफ रहती है, तो आप आसानी से समझ पाते हैं कि पैसे कहाँ खर्च करने हैं और कहाँ रोकने हैं।
शुरूआती समय में छोटी-छोटी गलतियाँ भी बड़ा अंतर डाल सकती हैं। इसलिए हर खर्च को नोट करना, ये समझना कि कौन सा खर्च जरूरी है और कौन सा बाद में किया जा सकता है, आपको बहुत मदद करता है। Cash Flow ठीक रहने पर बिज़नेस कभी भी आर्थिक तंगी का सामना नहीं करता।
Expense Prioritization कैसे तय करें
शुरू में हर खर्च जरूरी लगता है, लेकिन असल में कुछ खर्च ऐसे होते हैं जिन्हें पहले करना होता है और कुछ ऐसे होते हैं जिन्हें बाद में किया जा सकता है।
उदाहरण के लिए, शुरुआत में जरूरी मशीन, कच्चा माल या दुकान का किराया महत्वपूर्ण होता है। लेकिन सजावट, बड़े बोर्ड या अनावश्यक चीजों पर पैसा बाद में भी लगाया जा सकता है।
जब आप खर्च की प्राथमिकता तय कर लेते हैं, तो आपका पैसा सही दिशा में उपयोग होता है और फालतू चीजों में नहीं जाता। ये तरीका बिज़नेस को मजबूत नींव देता है।
EMI Planning कैसे की जाती है
अगर आपने लोन लिया है, तो EMI समय पर देना बहुत जरूरी होता है। अगर EMI देरी से होती है, तो आपको अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है और आपका रिकॉर्ड भी खराब हो सकता है।
इसीलिए शुरुआत में ही एक छोटा सा प्लान बना लें कि EMI किस दिन जाएगी, बैंक खाते में हमेशा कितनी राशि रखनी है और भुगतान कैसे नियमित रखना है। EMI की योजना साफ होने से आप तनाव से दूर रहते हैं और आपका बिज़नेस सुचारू रूप से चलता है।
Profit Reinvestment का तरीका क्यों जरूरी है
जब आपका बिज़नेस कुछ मुनाफा देने लगे, तो लोग कई बार उसे तुरंत खर्च कर देते हैं। लेकिन समझदार उद्यमी ऐसा नहीं करते। वे मुनाफे का कुछ हिस्सा वापस बिज़नेस में डालते हैं।
इसे Profit Reinvestment कहा जाता है। ये तरीका बिज़नेस को आगे बढ़ाने में बहुत महत्वपूर्ण होता है। यदि आप शुरुआती महीनों में ही मुनाफे का थोड़ा सा हिस्सा बिज़नेस में वापस लगाते हैं, तो आप जल्दी नई चीज़ें खरीद सकते हैं, अपने काम को बड़ा कर सकते हैं और अधिक ग्राहकों तक पहुँच सकते हैं।
आपके बिज़नेस के लिए सबसे सही Funding Option कौन सा है? (Quick Decision Guide)
हर व्यक्ति की स्थिति अलग होती है। किसी के पास पैसे कम होते हैं, किसी के पास थोड़ा अनुभव होता है, कोई गाँव में रहता है, कोई शहर में, और कोई बिज़नेस को बड़े स्तर तक ले जाने की सोचता है।
इसलिए ये जरूरी है कि हर व्यक्ति अपनी स्थिति के अनुसार सही फंडिंग का तरीका चुने। आईये जानते हैं किस के लिए कोनसा तरीका सही हो सकता है।
अगर आपके पास बिल्कुल भी Savings नहीं हैं
अगर आपने पैसे नहीं बचाए हैं और आपके पास शुरुआती निवेश करने के लिए कुछ नहीं है, तो सबसे आसान रास्ते होते हैं
- Equity Partnership
- Silent Partner Model
- Self-Help Groups या Cooperative Societies
- Microfinance Institutions
इन तरीकों में आपको भारी डाक्यूमेंट्सों की जरूरत नहीं होती और आपकी मेहनत या कौशल के आधार पर मदद मिल सकती है।
अगर आपका बिज़नेस बहुत छोटे खर्च से शुरू हो सकता है
अगर आपका काम बहुत कम पैसों से शुरू हो सकता है, जैसे छोटी दुकान, छोटा सर्विस बिज़नेस या घर से चलने वाला काम, तो ये तरीके सबसे उपयोगी हैं
- Personal Savings
- Family या Friends से Support
- Shishu श्रेणी वाला Mudra Loan
- Digital Instant Loan
अगर आपको Medium Budget वाले बिज़नेस के लिए पैसा चाहिए
अगर आपका बिज़नेस थोड़ा बड़े स्तर पर शुरू होना है जहाँ मशीनें, स्टॉक या दुकान का सेटअप चाहिए, तो ये सबसे अच्छे विकल्प बनते है
- MSME Loan
- Kishor या Tarun श्रेणी का Mudra Loan
- NBFC Business Loan
- Inventory Credit
- Equipment Loan
ये तरीके आपको सही समय पर पर्याप्त राशि उपलब्ध कराते हैं।
अगर आप Manufacturing शुरू करना चाहते हैं
Manufacturing में खर्च अधिक होता है और कई बार बार-बार निवेश की जरूरत होती है। ऐसे में सबसे बेहतरीन विकल्प हैं
- Equipment Loan
- Warehouse Financing
- Invoice Financing
- CGTMSE के तहत बिना जमानत वाला लोन
इन तरीकों से आपका उत्पादन रुक नहीं पाता और आप अपनी यूनिट को आसानी से चला सकते हैं।
अगर आप महिला उद्यमी हैं
महिलाओं के लिए कई योजनाएँ विशेष रूप से लागू होती हैं। सबसे उपयुक्त विकल्प हैं
- Stand-Up India Scheme
- Self-Help Groups
- राज्य सरकार द्वारा चलाई जाने वाली महिला-विशेष योजनाएँ
- Microfinance Institutions
इन तरीकों में शर्तें आसान होती हैं और सहायता जल्दी मिल जाती है।
अगर आप गाँव या छोटे कस्बे में बिज़नेस शुरू करना चाहते हैं
छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ तरीके सबसे अधिक उपयोगी साबित होते हैं
- Microfinance
- SHG Funding
- Cooperative Credit Societies
- राज्य स्तरीय ग्रामीण योजनाएँ
- PM SVANidhi (अगर आप छोटे विक्रेता हैं)
इन विकल्पों की प्रक्रिया सरल होती है और मदद जल्दी मिलती है।
अगर आपका बिज़नेस स्केलेबल है और आप बड़ा सोचना चाहते हैं
अगर आपका आइडिया ऐसा है जो छोटे स्तर से शुरू होकर बहुत बड़ा बन सकता है, तो ये तरीके सबसे बेहतर हैं
- Angel Investors
- Venture Capital Firms
- Incubators और Accelerators
- Equity Funding
ये संस्थाएँ पैसा देने के साथ-साथ आपको आगे बढ़ने का मार्ग भी दिखाती हैं।
Conclusion – 2026 में बिज़नेस शुरू करने के लिए पैसा जुटाना पहले से कहीं आसान है
बिज़नेस शुरू करने में सबसे बड़ी चिंता हमेशा येी होती है कि शुरुआत के लिए पैसे कहाँ से आएँ। लेकिन जब आप सही जानकारी हासिल कर लेते हैं, तो आपको पता चलता है कि पैसा जुटाने के बहुत सारे रास्ते मौजूद हैं। चाहे आप छोटी दुकान खोलना चाहते हों, कोई सर्विस शुरू करना हो, घर से काम करना हो या manufacturing यूनिट लगानी हो, हर तरह के बिज़नेस के लिए आज अलग-अलग विकल्प उपलब्ध हैं।
अगर आपके पास पैसे नहीं हैं, तब भी आप साझेदारी, SHG या Microfinance के जरिए शुरुआत कर सकते हैं। अगर आपके पास थोड़ा बहुत बजट है, तो बैंक, NBFC और Mudra Loan जैसे तरीके बहुत मदद करते हैं।
अगर आपका काम आगे चलकर बड़ा बन सकता है, तो Angel Investors और Venture Capital भी उपलब्ध हैं। और अगर आप छोटे विक्रेता हैं, गाँव में रहते हैं या महिला उद्यमी हैं, तो सरकार की योजनाएँ आपके लिए आसान रास्ता बनाती हैं।
इस पूरे गाइड का मकसद आपको ये समझाना था कि पैसा न होना रुकावट नहीं है। असली बात ये है कि आप सही विकल्प चुनें, अपनी जरूरतों को समझें और शुरुआती महीनों में पैसों का सही इस्तेमाल करें।
अगर आप कदम-दर-कदम सोचते हैं और धैर्य के साथ आगे बढ़ते हैं, तो आपका बिज़नेस मजबूती से खड़ा हो सकता है और समय के साथ सफल बन सकता है। अब आपके पास हर वह जानकारी है जिसकी जरूरत एक नए उद्यमी को होती है। बस अब अगला कदम आपका है। सोच साफ रखें, सही तरीका चुनें और अपने बिज़नेस के सपने को सच करने की शुरुआत करें।
